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शेफाली वर्मा की विश्व कप सेमीफाइनल में वापसी पर भावुक बयान

युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में अपनी वापसी पर एक भावुक बयान दिया है। उन्होंने चोटिल प्रतिका रावल के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि टीम में शामिल होना उनके लिए 'ईश्वर की कृपा' है। शेफाली ने घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में रहते हुए अपनी वापसी की है और सेमीफाइनल में अपने अनुभव को साझा किया। जानें उनके आत्मविश्वास और टीम के समर्थन के बारे में।
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शेफाली वर्मा की विश्व कप सेमीफाइनल में वापसी पर भावुक बयान

शेफाली वर्मा का भावुक बयान

युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले विश्व कप सेमीफाइनल से पहले भारतीय टीम में अपनी वापसी पर एक भावुक टिप्पणी की है। उन्होंने चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हुई अपनी साथी खिलाड़ी प्रतिका रावल के प्रति दुख व्यक्त किया, साथ ही कहा कि टीम में शामिल होना, भले ही वह आधिकारिक रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में नहीं थीं, 'ईश्वर की कृपा' है।


प्रतिका रावल की चोट और शेफाली का चयन

प्रतिका रावल को बांग्लादेश के खिलाफ अंतिम ग्रुप लीग मैच के दौरान चोट लगी थी, जिसके कारण वह इस महत्वपूर्ण विश्व कप से बाहर हो गईं। जब शेफाली वर्मा को भारतीय टीम में शामिल किया गया, तब वह गुजरात के सूरत में राष्ट्रीय महिला टी20 में हरियाणा की कप्तानी कर रही थीं।


सेमीफाइनल से पहले मीडिया से बातचीत में शेफाली ने कहा, 'प्रतिका के साथ जो हुआ, वह दुखद है। कोई भी खिलाड़ी ऐसी चोट नहीं चाहता। लेकिन मुझे लगता है कि ईश्वर ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है।'


शानदार फॉर्म में वापसी

शेफाली वर्मा घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में थीं, उन्होंने हरियाणा के लिए अपने पिछले मैच में केवल 24 गेंदों में 55 रन की तेज पारी खेली।


इससे पहले, वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत 'ए' के लिए भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही थीं। हालांकि, महिला एकदिवसीय क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड अपेक्षाकृत साधारण रहा है, जिसमें उन्होंने 29 मैचों में चार अर्धशतकों के साथ केवल 23 की औसत से रन बनाए हैं। लेकिन 21 वर्षीय इस खिलाड़ी के पास 2020 में ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप फाइनल खेलने का बहुमूल्य अनुभव है, जो सेमीफाइनल में उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।


शेफाली ने कहा, 'मैं घरेलू क्रिकेट खेल रही थी और अच्छी लय में थी। सेमीफाइनल मेरे लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि मैंने पहले भी सेमीफाइनल खेला है।'


मानसिक दृढ़ता और खेल पर ध्यान

टी20 अंतरराष्ट्रीय में 90 मैचों का अनुभव और 131 के स्ट्राइक रेट वाली शेफाली के लिए 50 ओवर के प्रारूप में तालमेल बिठाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं मानसिक रूप से खुद को कैसे एकाग्र रखती हूं।'


50 ओवर के प्रारूप में ढलने के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं टी20 खेल रही थी और एक बल्लेबाज के रूप में बदलाव करना आसान नहीं है। मैंने अभ्यास में रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की बल्लेबाजी पर ध्यान दिया।'


टीम का समर्थन और आत्मविश्वास

पिछले कुछ वर्षों में खराब फॉर्म के कारण टीम में अंदर-बाहर होने के बावजूद, विश्व कप के मैचों के लिए उनकी वापसी पर ऐसा स्वागत हुआ मानो उन्होंने कभी टीम छोड़ी ही न हो। शेफाली ने कहा, 'जब मैं टीम में शामिल हुई, तो सभी ने मेरा दिल से स्वागत किया। जिन खिलाड़ियों से मैंने बात की, कोच, कप्तान और स्मृति मंधाना ने कहा कि मुझे अपने नैसर्गिक खेल को खेलने की सलाह दी।'


उन्होंने आत्मविश्वास जताया कि वह ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम के अधिकांश खिलाड़ियों के खिलाफ पहले भी खेल चुकी हैं और सेमीफाइनल में उनका अनुभव टीम के लिए बहुत उपयोगी होगा।