संजय सिंह ने पीएम मोदी से विशेष संसद सत्र की मांग की

संजय सिंह का पत्र
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार द्वारा अचानक सीजफायर के निर्णय पर विशेष संसद सत्र बुलाने की अपील की है। पत्र में संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की बार-बार महत्वपूर्ण चर्चाओं से अनुपस्थिति और भारत की संप्रभुता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निर्णयों में पारदर्शिता की कमी पर चिंता व्यक्त की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता
संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि वह एक चिंतित सांसद और भारत की जनता की आवाज के रूप में यह पत्र भेज रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टता और नेतृत्व की मांग कर रही है। पहलगाम की दुखद घटना के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें सीमा पार आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। यह एकता और सैन्य दृढ़ता का प्रतीक था।
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल
संजय सिंह ने कहा कि कुछ गंभीर चिंताएं हैं, जिन पर वह प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
1. सर्वदलीय बैठक में अनुपस्थिति: सरकार ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी देने के लिए दो सर्वदलीय बैठकें आयोजित कीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी दोनों में उपस्थित नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति ने सभी दलों और जनता को निराश किया।
2. अचानक सीजफायर का ऐलान: जब ऑपरेशन सिंदूर तेजी से आगे बढ़ रहा था, तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्वीट के बाद सीजफायर की घोषणा हुई। ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान को व्यापार नहीं करने की धमकी दी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
3. प्रधानमंत्री कार्यालय की चुप्पी: अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया, जिससे कई सवाल उठे हैं और जनता का सरकार पर विश्वास कमजोर हुआ है।
दोषियों का पता लगाने में देरी
4. पहलगाम घटना के दोषियों का अब तक पता नहीं लगाया गया है, और इसमें देरी का कारण क्या है?
संजय सिंह ने कहा कि इन घटनाओं ने 144 करोड़ भारतीयों के मन में सीजफायर के फैसले और सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए हैं। इस समय पारदर्शिता और नेतृत्व की कमी ने हमारी संप्रभुता की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए, उन्होंने विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है ताकि संवैधानिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बहाल हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह इस अवसर पर सामने आएं और संसद के माध्यम से देश को संबोधित करें।