संभल में चेहल्लुम जुलूस के दौरान सांड का हमला, कई घायल

संभल में सांड के हमले की घटना
संभल में सांड का हमला: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चेहल्लुम के जुलूस के दौरान एक गंभीर घटना घटित हुई। शुक्रवार शाम को नखासा थाना क्षेत्र के नखासा चौराहे के पास हजारों की भीड़ में अचानक एक सांड घुस आया। सांड ने देखते ही देखते लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया और कई लोगों को उठाकर पटक दिया। इस घटना से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और जुलूस में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि चेहल्लुम का जुलूस शांतिपूर्वक चल रहा था, तभी अचानक सांड भीड़ में घुस गया। सांड ने तेजी से दौड़ते हुए कई लोगों को निशाना बनाया, जिसके बाद लोग इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान पुलिसकर्मी भी खुद को सुरक्षित करने के लिए दौड़ पड़े। पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
देखें वायरल वीडियो
देखें वायरल वीडियो
#संभल में चेहल्लम का जुलुस निकल रहा था। नगर पालिका की कृपा से सड़कों पर भटक रहे गौवंशों में से एक सांड़ जुलूस में घुस गया
— नरेंद्र प्रताप (@hindipatrakar) August 16, 2025
फिर तो जो अफरा-तफरी मची। कुछ लोग सांड़ की चोट से कुचले गए। दो लोग मामूली घायल हुए हैं
बाकी सब ठीक है pic.twitter.com/RVBUw78mRK
घायलों की संख्या
आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल
इस घटना में लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि भगदड़ मच गई और लोग डर के मारे भागते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पीड़ितों को मदद का आश्वासन
सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीओ आलोक भाटी ने घायलों का हालचाल जानने के लिए निजी अस्पताल जाकर डॉक्टरों से बातचीत की और पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। फिलहाल, प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि इतनी भीड़ में सांड कैसे पहुंचा और सुरक्षा व्यवस्था में कहां कमी रह गई।
स्थानीय लोगों की मांग
लोगों की प्रशासन से मांग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इलाके में अक्सर आवारा पशु घूमते रहते हैं, लेकिन भीड़भाड़ के समय ऐसे पशुओं को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जाती। यही कारण है कि यह हादसा हुआ। लोग प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।