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संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने नौ भाषाओं में संविधान का अनुवाद जारी किया

दिल्ली में संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ भाषाओं में संविधान का अनुवाद जारी किया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और अन्य प्रमुख नेता भी शामिल हुए। मुर्मू ने तीन तलाक पर रोक का उल्लेख करते हुए संविधान के महत्व पर जोर दिया। सीपी राधाकृष्णन ने संविधान की आत्मा और भारत की एकता के बारे में बात की। जानें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
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संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने नौ भाषाओं में संविधान का अनुवाद जारी किया

संविधान दिवस का आयोजन


दिल्ली में संविधान दिवस के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में 76वां राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्रियों सहित संसद के दोनों सदनों के सदस्य उपस्थित थे।


संविधान का अनुवाद और तीन तलाक पर चर्चा

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर संविधान का अनुवाद नौ भाषाओं में जारी किया, जिसमें पंजाबी, ओडिया, मराठी, मलयालम, कश्मीरी, तेलुगु, नेपाली, असमिया और बोडो शामिल हैं। उन्होंने तीन तलाक पर रोक का भी उल्लेख किया। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी अपने संबोधन में संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला।


संविधान की आत्मा और भारत की एकता

सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हमारा संविधान त्याग, समझ और अनुभव के साथ-साथ उम्मीदों और आकांक्षाओं से निर्मित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान की आत्मा ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत एक है और हमेशा एक रहेगा। उन्होंने बताया कि यह संविधान स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लाखों नागरिकों की सामूहिक समझ और सपनों का प्रतीक है। हर साल 26 नवंबर को भारत का संविधान अपनाने की याद में राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है।