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संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन: हंगामे की आशंका और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन राजनीतिक तनाव के बीच शुरू हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही फिर से आरंभ होने वाली है, लेकिन हंगामे की आशंका बनी हुई है। राज्यसभा में आज महत्वपूर्ण बैठक होगी और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का समय बढ़ाया गया है। विपक्षी दलों के विरोध के कारण मंगलवार को कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। जानें इस सत्र में क्या हो रहा है और किन मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
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संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन: हंगामे की आशंका और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

संसद का मानसून सत्र जारी

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही फिर से आरंभ होगी, लेकिन राजनीतिक तनाव के चलते हंगामे की संभावना बनी हुई है। राज्यसभा में आज दोपहर 12:30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए समय को नौ घंटे तक बढ़ा दिया गया है, जो कई विवादास्पद मुद्दों के बीच सदन का मुख्य केंद्र बनेगा।


मंगलवार को दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी। यह स्थिति विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के कारण उत्पन्न हुई। हंगामा मुख्य रूप से दो प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित था: बिहार में मतदाता सूचियों के 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) का कार्य और उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा।


सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत में विपक्षी नेताओं ने संसद के ‘मकर द्वार’ के बाहर एक संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि बिहार में होने वाले चुनावों से पहले एसआईआर अभियान को 'पक्षपातपूर्ण और गलत' तरीके से चलाया जा रहा है। इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल थे, जो तख्तियां और पोस्टर लहराते हुए चुनावी हेरफेर का आरोप लगा रहे थे।


जब उपसभापति हरिवंश ने कई विपक्षी सांसदों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, तो हंगामा शुरू हो गया। सदस्य सदन के वेल में आ गए और नारे लगाने लगे। हंगामे के कारण राज्यसभा को पहले दोपहर तक, फिर दो बजे तक और अंत में पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।


लोकसभा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं थी। विपक्षी सांसदों ने एसआईआर अभियान और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद विरोध और हंगामा बढ़ गया, जिसके चलते बार-बार स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए रोक दी गई।