संसद के मानसून सत्र में विपक्ष की रणनीति और सरकार की तैयारी

संसद के मानसून सत्र पर सवाल
मानसून सत्र के दौरान संसद के संचालन को लेकर दो महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं। पहला, क्या यह सत्र 21 अगस्त तक जारी रहेगा? दूसरा, सत्र के अंतिम सप्ताह में, यानी 18 से 21 अगस्त के बीच, विपक्ष की रणनीति क्या होगी? विपक्ष ने इस बार सत्र के पहले दिन बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को एक प्रमुख मुद्दा बनाया। इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हुआ, जिससे कार्यवाही बाधित हुई। 28 और 29 जुलाई को लोकसभा में और 29 व 30 जुलाई को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई। इन दिनों को छोड़कर, संसद में कोई महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हुई और जो विधेयक पास हुए, वे बिना बहस के ही पारित किए गए।
विपक्ष की मांग और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
विपक्ष चाहता था कि संसद में एसआईआर पर चर्चा हो। इस बीच, राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के आरोपों का एक गंभीर मुद्दा उठाया। हालांकि, सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की कई मांगों को स्वीकार किया। सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि उसने एसआईआर के पहले चरण में जिन 65 लाख लोगों के नाम हटाए हैं, उनकी अलग सूची प्रकाशित की जाए। इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि मसौदा मतदाता सूची में जिनके नाम नहीं हैं, उन्हें आधार को एक दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। इस फैसले से विपक्ष संतुष्ट है और इसे जनता की जीत मान रहा है।
विपक्ष की अगली रणनीति
अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष अंतिम सप्ताह में एसआईआर पर चर्चा के लिए दबाव बनाएगा और संसद के भीतर प्रदर्शन करेगा? ध्यान रहे कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में वोट अधिकार रैली के लिए जा रहे हैं, जो एक सितंबर तक चलेगी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्ष इस मुद्दे को दिल्ली से बाहर निकालकर राज्यों में ले जा रहा है, जिससे पहले जैसा हंगामा नहीं होगा। हालांकि, विपक्ष ने 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैम्बर में बैठक करने का निर्णय लिया है।
सरकार की तैयारी
इस बीच, सरकार ने विपक्ष के हंगामे के बावजूद विधायी कार्यों को पूरा किया है। आधा दर्जन से अधिक विधेयक पास किए जा चुके हैं, जिनमें खेल से जुड़े दो विधेयक और कराधान का विधेयक शामिल हैं। यदि सरकार को और विधेयक पास कराने हैं, तो वे अगले एक-दो दिन में पास हो सकते हैं। पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो चुकी है, और एसआईआर पर चर्चा की कोई योजना नहीं है। इसलिए, अंतिम सप्ताह के लिए अधिक एजेंडा नहीं बचा है। आमतौर पर, संसद का मानसून सत्र 15 अगस्त से पहले समाप्त हो जाता था, लेकिन इस बार इसे स्वतंत्रता दिवस के बाद तक चलाने का निर्णय लिया गया है।