संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, अखिलेश यादव ने उठाए गंभीर सवाल

संसद का मानसून सत्र: सुरक्षा चूक पर विपक्ष का हमला
नई दिल्ली। आज संसद के मानसून सत्र का सातवां दिन है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की और विपक्ष पर तीखा हमला किया। विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा में चूक और जवाबदेही को लेकर सत्ताधारी दल को कठघरे में खड़ा किया।
लोकसभा में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का संबोधन। https://t.co/wBvTxa0eOj
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 29, 2025
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारतीय सेना की प्रशंसा की और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सेना पर गर्व है। जब सेना ने ऑपरेशन शुरू किया, तब पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया गया। न केवल आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त हुए, बल्कि पाकिस्तानी एयरबेस भी नष्ट किया गया। उस समय मीडिया चैनलों पर ऐसा लग रहा था जैसे कराची और लाहौर हमारे हो गए हैं। हालांकि, सरकार के निर्णयों में असंगति दिखती है, विशेषकर पीओके के मामले में।
अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्यों की उत्तेजित भाषा दर्शाती है कि वे जनता की भावनाओं का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के समय पर्यटकों ने सुरक्षा की कमी के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि पहलगाम में सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? जो लोग वहां गए थे, वे सरकार के आश्वासन पर निर्भर थे। इस सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? यह सभी को पता है कि यह किसकी जिम्मेदारी है।
गृह मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले को खुफिया विभाग की चूक बताया, लेकिन सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह चूक क्यों हुई। सांसदों ने बार-बार पूछा कि संघर्ष विराम किसके कहने पर रोका गया। एक ओर आजादी का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जबकि दूसरी ओर हमारी संप्रभुता पर हमला हो रहा है। समाजवादी सरकारों ने हमेशा बताया है कि असली चुनौती कहां से आ रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि पाकिस्तान के पीछे कौन है, यह जानना जरूरी है। हमें चीन से भी बड़ा खतरा है। सरकार को अपनी आर्थिक नीतियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आर्थिक मामलों में सरकार पूरी तरह से विफल हो रही है और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। सरकार को अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर पुनर्विचार करना आवश्यक है। आतंकवाद का खतरा पाकिस्तान की सीमा से हमेशा बना रहता है, लेकिन अन्य सीमाओं से भी खतरा लगातार बना हुआ है।