सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक रक्षा समझौता
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को नया आयाम देगा। इस समझौते के तहत, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। यह करार सऊदी क्राउन प्रिंस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच हुआ है, और भारत ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस समझौते के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभाव।
Sep 18, 2025, 10:33 IST
| सऊदी अरब और पाकिस्तान का नया रक्षा समझौता
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो क्षेत्रीय राजनीति में एक नया मोड़ लाता है। इस समझौते के अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। यह करार सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ के बीच रियाद में हुई मुलाकात के दौरान संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री शरीफ़ इस समय सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर हैं।यह समझौता उस समय हुआ है जब कतर की राजधानी दोहा पर कथित इजरायली हमले के बाद OIC और अरब लीग ने एक असाधारण संयुक्त सत्र बुलाया था। दो दिन बाद ही यह रक्षा करार सामने आया है, जो पश्चिम एशिया की भू-राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।
"एक पर हमला, दोनों पर आक्रमण"
सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और किसी भी प्रकार के हमले के खिलाफ साझा प्रतिरोध को सशक्त बनाने के लिए किया गया है। बयान में यह भी जोड़ा गया है कि "यह समझौता क्षेत्रीय शांति और वैश्विक स्थिरता के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
भारत की प्रतिक्रिया: सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा
इस घटनाक्रम पर भारत ने भी सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया को बताया कि भारत ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए इस रणनीतिक समझौते की जानकारी प्राप्त की है। यह एक दीर्घकालिक व्यवस्था का औपचारिक रूप है, और भारत इसकी समीक्षा करेगा कि यह हमारे राष्ट्रीय हितों, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक संतुलन पर क्या प्रभाव डालता है।