सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा समझौता: भारत की चिंताएँ और विशेषज्ञों की राय

सऊदी अरब-पाकिस्तान रक्षा समझौता
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच नया रक्षा समझौता: मध्य-पूर्व के प्रमुख देशों में से एक सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारत की चिंताएँ बढ़ गई हैं। इस 'स्ट्रैटजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' के अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इस समझौते के बाद, रियाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की गले मिलती तस्वीरें भी सामने आई हैं।
भारत की चिंताएँ और सऊदी अरब का स्पष्टीकरण
भारत इस घटनाक्रम को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और इसके संभावित प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। पाकिस्तान इस समझौते को अपनी बड़ी जीत मानते हुए इसे मुस्लिम देशों की एकजुटता का प्रतीक बता रहा है। वहीं, भारत में यह सवाल उठ रहा है कि यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है और भारत जवाबी कार्रवाई करता है, तो क्या सऊदी अरब इसे पाकिस्तान पर हमला मानकर खुद पर हमला समझेगा?
विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
प्रसिद्ध रक्षा विश्लेषक डॉ. ब्रह्मा चेलानी ने इस समझौते पर सवाल उठाते हुए कहा कि रियाद को पता था कि भारत इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा समझेगा, फिर भी उसने यह कदम उठाया। यह निर्णय पाकिस्तान की ताकत नहीं, बल्कि सऊदी अरब की महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को करीब लाकर न केवल सैन्य शक्ति और परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि भारत, अमेरिका और अन्य देशों को यह संदेश भी दिया है कि वह अपनी राह खुद तय करेगा।
समझौते की समय सीमा पर सवाल
डॉ. चेलानी ने इस समझौते की समय सीमा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि यह समझौता उसी दिन हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन था। उन्होंने लिखा कि भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग समिति और संयुक्त अभ्यासों के बावजूद, क्राउन प्रिंस सलमान ने मोदी के जन्मदिन पर यह करारा झटका दिया।
पाकिस्तान की स्थिति में सुधार
वॉशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर थिंक टैंक के साउथ एशिया इंस्टिट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने भी इस डील पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने न केवल नया पारस्परिक रक्षा समझौता किया है, बल्कि यह भारत के करीबी सहयोगी देशों में से एक के साथ हुआ है। अब पाकिस्तान की स्थिति काफी मजबूत हो गई है, क्योंकि उसके साथ चीन, तुर्की और अब सऊदी अरब खड़े हैं।