सचिन तेंदुलकर का ऐतिहासिक क्षण: लॉर्ड्स में घंटी बजाने का गौरव

सचिन तेंदुलकर का ऐतिहासिक क्षण
Eng vs Ind: क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में गुरुवार को एक अद्वितीय क्षण देखने को मिला। सचिन तेंदुलकर ने टॉस से पहले लॉर्ड्स में पहली बार घंटी बजाई। यह समारोह मैच शुरू होने से पहले होता है और यह इस मैदान की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
इसके अलावा, लॉर्ड्स के प्रतिष्ठित लॉन्ग रूम में अब भारत के मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की एक शानदार तस्वीर को सम्मानित स्थान मिला है। यह वही लॉन्ग रूम है, जिसे लॉर्ड्स पवेलियन का दिल माना जाता है, जहां क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की तस्वीरें अमर होती हैं।
A legendary frame 🖼️
— BCCI (@BCCI) July 10, 2025
📸📸 Snapshots from portrait unveiling of the legendary Sachin Tendulkar at the Lord's Museum 👌👌#TeamIndia | @sachin_rt pic.twitter.com/5KtnfvNEpf
सचिन की विरासत: लॉर्ड्स में एक नया अध्याय
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट के दौरान, “सचिन तेंदुलकर की विरासत अब लॉर्ड्स के दिल में हमेशा के लिए बस गई है।” भले ही सचिन ने इस मैदान पर टेस्ट शतक नहीं बनाया, लेकिन उनकी उपलब्धियों ने उनकी महानता को कभी कम नहीं किया। लॉन्ग रूम में उनकी तस्वीर का होना इस बात का प्रमाण है कि लॉर्ड्स भी इस दिग्गज को सम्मानित करता है। यह तस्वीर क्रिकेट के इतिहास में सचिन के योगदान को एक काव्यात्मक श्रद्धांजलि है।
आंकड़ों से परे सचिन की कहानी
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 51 टेस्ट शतक और लगभग 16,000 रन बनाए, लेकिन लॉर्ड्स में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टेस्ट में केवल 37 रन और वनडे में 45 रन रहा। फिर भी, “लॉर्ड्स जो स्कोरबोर्ड पर नहीं दिखा पाया, अब कैनवास पर दिखा रहा है।” सचिन के आंकड़े उनकी पूरी कहानी नहीं बता सकते। उनकी बल्लेबाजी का जादू, मैदान पर उनकी उपस्थिति और प्रशंसकों के दिलों में उनकी जगह हमेशा अद्वितीय रही है।
1998 की यादगार पारी
लॉर्ड्स में सचिन की सबसे यादगार पारी 1998 में आई, जब उन्होंने एमसीसी के खिलाफ 'वर्ल्ड 11' की कप्तानी करते हुए 125 रनों की शानदार पारी खेली। भले ही यह पारी सम्मान बोर्ड पर दर्ज न हुई हो, लेकिन प्रशंसकों के लिए यह पल हमेशा खास रहा। यह पारी सचिन की उस प्रतिभा का प्रमाण थी, जिसने उन्हें क्रिकेट का भगवान बना दिया।