सत्यपाल मलिक भ्रष्टाचार मामले में नया मोड़: क्या होगा अब?

सत्यपाल मलिक भ्रष्टाचार केस की पृष्ठभूमि
Satyapal Malik Corruption Case: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के निधन के बाद उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले ने फिर से सुर्खियाँ बटोरी हैं। जब वह जम्मू-कश्मीर के गवर्नर थे, तब उन पर 2200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से संबंधित 300 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रहा है। यह मामला अदालत में विचाराधीन है और सत्यपाल मलिक सहित 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। अब, उनके निधन के बाद इस भ्रष्टाचार के मामले का क्या होगा?
मामले का विवरण
किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित किया जाना है, जिसे चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस परियोजना में NHPC (51%), JKSPDC (49%) और PTC (2%) साझेदार हैं। इसका उद्देश्य 624 मेगावाट बिजली उत्पादन करना है, लेकिन 2019 में इस प्रोजेक्ट के ठेके में ई-टेंडरिंग के नियमों का पालन न करने के आरोप लगे थे। CVPPPL की 47वीं बोर्ड मीटिंग में रिवर्स ऑक्शन के साथ ई-टेंडरिंग का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया और ठेका पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया।
सत्यपाल मलिक की भूमिका
सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्हें प्रोजेक्ट से संबंधित 2 फाइलें मिली थीं, लेकिन उन्होंने उन्हें पास नहीं किया। उन्हें एक फाइल पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने कुल 300 करोड़ रुपये की रिश्वत को ठुकरा दिया और टेंडर को रद्द कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में गड़बड़ी की जानकारी दी थी, लेकिन उनके तबादले के बाद टेंडर को जारी कर दिया गया। CBI ने मामले की जांच शुरू की और फरवरी 2024 में उनके ठिकानों पर छापेमारी की।
कार्रवाई की स्थिति
CBI ने 2019 में किरू प्रोजेक्ट के ठेके में गड़बड़ी की जांच शुरू की थी और 2022 में प्राथमिकी दर्ज की थी। फरवरी 2024 में CBI ने सत्यपाल मलिक के दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। उनके सहयोगियों और CVPPPL के अधिकारियों के ठिकानों पर भी रेड मारी गई थी। मई 2025 में CBI ने जम्मू-कश्मीर की विशेष अदालत में सत्यपाल मलिक और 6 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और कुछ कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है।
भविष्य की कार्रवाई
5 अगस्त 2025 को सत्यपाल मलिक का निधन हो गया। इस स्थिति में भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत किसी आरोपी की मृत्यु होने पर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही बंद हो जाती है। इसलिए, सत्यपाल मलिक के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस बंद हो जाएगा, लेकिन अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला चलता रहेगा। सत्यपाल मलिक ने रिश्वत की पेशकश और टेंडर रद्द करने का दावा किया था, लेकिन अब उनकी व्यक्तिगत जवाबदेही समाप्त हो जाएगी।