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समाजवादी पार्टी के नेता इरफान सोलंकी 34 महीने बाद जेल से रिहा

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को 34 महीने की कैद के बाद महराजगंज जेल से रिहा किया गया। उनकी रिहाई ने न केवल उनके परिवार को राहत दी है, बल्कि सपा के लिए राजनीतिक मजबूती का संकेत भी है। हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय का केस अभी भी उन पर बरकरार है। जानें इस रिहाई के पीछे की कहानी और कानपुर की राजनीति में इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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समाजवादी पार्टी के नेता इरफान सोलंकी 34 महीने बाद जेल से रिहा

महाराजगंज में इरफान सोलंकी की रिहाई

महाराजगंज : उत्तर प्रदेश के कानपुर से समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार शाम को महराजगंज जेल से रिहा हुए। लगभग 34 महीने की कैद के बाद उनकी रिहाई उनके लिए एक बड़ी राहत साबित हुई। जेल के बाहर उनकी पत्नी नसीम सोलंकी, दोनों बेटे और सास खुर्शिदा बेगम उनका इंतजार कर रहे थे, जिससे वह भावुक हो गए। उनके बेटों ने दौड़कर उन्हें गले लगाया, जबकि समर्थकों ने 'जेल का ताला टूट गया' के नारे लगाते हुए उनका भव्य स्वागत किया।


ED की पूछताछ से हुई रिहाई में देरी

सुबह करीब 10 बजे नसीम सोलंकी अपने परिवार के साथ जेल पहुंचीं। उन्होंने समर्थकों से भीड़ न लगाने की अपील की, लेकिन जेल प्रशासन ने रिहाई में देरी की। इसका कारण मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इरफान से पूछताछ करना था। इस वजह से शाम को उनकी रिहाई संभव हो सकी। जेल के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, जहां 20 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। रिहाई के बाद इरफान सफेद पठानी सूट में नजर आए और कहा, 'अल्लाह का करम है, सत्य की जीत हुई। अब मैं परिवार के साथ समय बिताऊंगा।'


गैंगस्टर एक्ट में जमानत मिलने से मिली राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 25 सितंबर 2025 को गैंगस्टर एक्ट के मामले में इरफान को जमानत दी थी। यह उनका अंतिम लंबित आपराधिक मामला था। हालांकि, कोर्ट के दस्तावेज कानपुर जेल भेजे जाने के कारण उनकी रिहाई में तीन दिन की देरी हुई। इरफान 2 दिसंबर 2022 से जेल में थे, जब उन पर कुल 10 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से अधिकांश में पहले ही जमानत मिल चुकी थी।


30 करोड़ की संपत्ति जब्त, नई सुनवाई 28 अक्टूबर को

रिहाई के बाद भी इरफान पर ED का केस जारी है। मार्च 2024 में ED ने उनके पांच ठिकानों पर छापे मारे थे, जहां से वित्तीय अनियमितताओं और संदिग्ध लेनदेन के आरोपों के तहत महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे। इस कार्रवाई में 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। ED लखनऊ जोनल कार्यालय के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रताप सिंह ने 7 अगस्त 2025 को लगभग 2,000 पृष्ठों का वाद दाखिल किया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति बनाने के आरोप शामिल हैं।


भाई रिजवान भी हाल ही में रिहा

इरफान के भाई रिजवान सोलंकी भी हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। रिहाई के बाद वे पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने पहुंचे। सपा नेताओं ने इरफान की रिहाई को पार्टी के लिए एक बड़ी जीत बताया है। समर्थकों का मानना है कि यह रिहाई कानपुर की राजनीति में एक नया मोड़ लाएगी।