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सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव

सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। नए वेतन का लागू होना 1 जनवरी 2026 से होने की संभावना है। हालांकि, आयोग के सदस्यों के नाम और शर्तों की घोषणा अभी बाकी है। फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते में बदलाव से कर्मचारियों की आय में वृद्धि हो सकती है। जानें इस बदलाव का किस पर प्रभाव पड़ेगा और कब तक रिपोर्ट आएगी।
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सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव

8वें वेतन आयोग की मंजूरी


8वें वेतन आयोग की मंजूरी: हाल ही में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी दी है। यह संशोधित वेतन 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।


हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक आयोग के सदस्यों के नाम या इसकी शर्तों की घोषणा नहीं की है। 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी वेतन में बदलाव की स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनकी उम्मीदें बढ़ी हैं।


फिटमेंट फैक्टर का महत्व

फिटमेंट फैक्टर होगा बड़ा फैसला: नया वेतन ढांचा मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग का यह फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है।


कर्मचारी संगठनों ने 3.68 के उच्च गुणक की मांग की है, जिससे कर्मचारियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। यह फैक्टर मूल वेतन और अन्य भत्तों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


महंगाई भत्ते में बदलाव

महंगाई भत्ता पहले ही 50% पार: हर वेतन संशोधन के साथ, आमतौर पर महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में शामिल किया जाता है। वर्तमान में, महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो चुका है, और नए ढांचे के लागू होने पर इसे रीसेट किया जा सकता है।


इसका अर्थ है कि डीए का 50% मूल वेतन में जोड़ा जाएगा और डीए की गणना फिर से शून्य से शुरू होगी। इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस और अन्य लाभों में भी संशोधन की संभावना है।


किसे मिलेगा लाभ?

कौन होगा प्रभावित: 8वें वेतन आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। कुछ राज्य सरकारें बाद में इसकी सिफारिशों का पालन कर सकती हैं, लेकिन वे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।


कर्मचारी आयोग के औपचारिक गठन का इंतजार कर रहे हैं ताकि प्रक्रिया शुरू हो सके। पिछले समयसीमा के अनुसार, पैनल को अपनी रिपोर्ट देने में 18 से 20 महीने लग सकते हैं, जिससे रिपोर्ट 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में आ सकती है।


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