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सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर विशेष सेमिनार का आयोजन

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान को सराहा और सिविल सेवकों को प्रेरित किया। जानें इस सेमिनार में क्या-क्या चर्चा हुई और अधिकारियों को किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर विशेष सेमिनार का आयोजन

सरदार पटेल की जयंती पर सेमिनार

नई दिल्ली - सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज विश्वास नगर में प्रशिक्षण निदेशालय (यूटीसीएस) में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना ने सरदार पटेल के भारत के एकीकरण और स्वतंत्र भारत की प्रशासनिक नींव में उनके योगदान को सराहा। सेमिनार में मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि सरदार पटेल के साहस, दूरदर्शिता और संगठन कौशल ने स्वतंत्र भारत की एकता को मजबूती प्रदान की। उन्होंने सभी से सरदार पटेल की प्रेरणा को अपनाने का आह्वान किया।


इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा, प्रशिक्षण निदेशक श्री प्रशांत गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। सेमिनार का मुख्य विषय सरदार पटेल के जीवन, उनके आदर्शों और सिविल सेवाओं में उनके योगदान पर केंद्रित रहा। उपराज्यपाल ने सरदार पटेल की दूरदर्शिता का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने सिविल सेवाओं को राष्ट्र की ‘स्टील फ्रेम’ कहा था। उन्होंने अधिकारियों से विनम्रता, लचीलापन और जनसेवा के प्रति समर्पण का आह्वान किया।


उपराज्यपाल ने कहा कि आज के सिविल सेवकों को तकनीकी बदलाव, सामाजिक विषमताएं और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों से पारदर्शिता और नैतिकता को अपने कार्य का मूल बनाने का आग्रह किया। उन्होंने यूटीसीएस जैसी संस्थाओं की सराहना की, जो भावी प्रशासकों को तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची प्रशासनिक उत्कृष्टता केवल प्रशिक्षण से नहीं, बल्कि चरित्र और समर्पण से आती है।


मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि सरदार पटेल के साहस और दूरदर्शिता ने स्वतंत्र भारत की एकता को सुदृढ़ किया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवक देश की प्रशासनिक मशीनरी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि सरकार एक वाहन है, तो सिविल सेवक उसका इंजन हैं। किसी भी योजना को सफल बनाने का श्रेय इन्हीं अधिकारियों को जाता है।


मुख्यमंत्री ने नवप्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण केवल उपकरण प्रदान करता है, लेकिन इसका उपयोग अधिकारी की नीयत और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं में शामिल होना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन है। प्रत्येक अधिकारी को अपने कार्य में गहराई जोड़नी चाहिए ताकि उनका योगदान देश की दिशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सके।