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सरपंचों का एकजुटता: हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग

हरियाणा के सरपंचों ने हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग को लेकर एकजुटता दिखाई है। 22 जून को उचाना की कपास मंडी में आयोजित होने वाली सर्वजातीय महापंचायत में खाप, सरपंच और समाज के अन्य सदस्य शामिल होंगे। इस महापंचायत में कानूनी विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वे इस मुद्दे पर विचार कर सकें। सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि एक ही गांव में विवाह होने से कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, और कानून में बदलाव की आवश्यकता है।
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सरपंचों का एकजुटता: हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग

महापंचायत का आयोजन


  • 22 जून को उचाना की कपास मंडी में होगी सर्वजातीय महापंचायत


(Jind News) जींद। प्रदेश के सरपंचों ने हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के लिए एकजुटता दिखाई है। सरपंच एसोसिएशन हरियाणा ने सरकार से समगोत्र विवाह और सहमति संबंधों पर रोक लगाने की मांग की है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 22 जून को उचाना की कपास मंडी में सर्वजातीय महापंचायत का आयोजन किया गया है, जिसमें खाप, सरपंच, और समाज के अन्य सदस्य बड़ी संख्या में शामिल होंगे। शुक्रवार को, सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रणवीर सिंह समैण ने हैबतपुर के ग्राम सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर एक सकारात्मक कदम उठाया है।


महापंचायत में कानूनी विशेषज्ञों की उपस्थिति

महापंचायत में कई वरिष्ठ वकीलों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वे कानून के दृष्टिकोण से इस विषय पर विचार कर सकें। उन्होंने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करते हुए एक ही गांव में विवाह और सहमति संबंधों पर भी रोक लगानी चाहिए। उनका मानना है कि सरपंच का कार्य केवल गांव की देखरेख करना नहीं है, बल्कि समाज में सुधार लाने की दिशा में भी प्रयास करना है।


एक ही गांव में विवाह होने से कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। आपसी सहमति संबंधों के कारण कई हत्याकांड भी हो रहे हैं, इसलिए कानून में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है और इसे आगे बढ़ाने के लिए सुधार करना आवश्यक है। इस अवसर पर जुलाना के सरपंच नरेश भुक्कल, कुलदीप मलिक पिंडारा, रामप्रसाद अशरफगढ़, सूरज जीतगढ़, और रिषिपाल हैबतपुर भी उपस्थित थे।