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सरहौल बॉर्डर टोल हटाने से गुरुग्राम-दिल्ली यात्रा में राहत

सरहौल बॉर्डर पर टोल हटाने का निर्णय गुरुग्राम और दिल्ली के यात्रियों के लिए राहत का कारण बना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और दिल्ली सरकार के बीच हुई बैठक में इस फैसले पर सहमति बनी। टोल हटने से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और यात्रा का समय घटेगा। यह कदम न केवल आम यात्रियों के लिए, बल्कि व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। भविष्य में अन्य भीड़-भाड़ वाले टोल बूथों को भी स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा सकती है।
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सरहौल बॉर्डर टोल हटाने से गुरुग्राम-दिल्ली यात्रा में राहत

सरहौल बॉर्डर टोल हटाने का निर्णय

सरहौल बॉर्डर पर टोल हटाने का निर्णय गुरुग्राम और दिल्ली के यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच हाल ही में हुई बैठक में इस फैसले पर सहमति बनी।


टोल हटाने से ट्रैफिक जाम में कमी

एनएच-48 पर खिड़की दौला टोल को स्थानांतरित करने के साथ-साथ सरहौल बॉर्डर से एमसीडी टोल हटाने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। यह कदम न केवल यात्रियों का समय बचाएगा, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या को भी कम करेगा।


सरहौल बॉर्डर पर हर शाम भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है, खासकर कॉमर्शियल वाहनों के कारण। इस 24-लेन वाले रास्ते से रोजाना चार लाख से अधिक वाहन दिल्ली, नोएडा और अन्य शहरों की ओर जाते हैं।


हालांकि, टोल बूथ के कारण उद्योग विहार से रजौरी गार्डन की 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक समय लग जाता है। टोल हटने से 8 अतिरिक्त लेन उपलब्ध होंगी, जिससे यातायात सुगम होगा और यात्रा का समय कम होगा।


यात्रियों और व्यवसायों को लाभ

यह निर्णय न केवल आम यात्रियों के लिए, बल्कि व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद है। सरहौल बॉर्डर पर टोल हटने से ट्रक और अन्य कॉमर्शियल वाहनों को बिना रुके दिल्ली में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।


इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी और व्यवसायों को तेज डिलीवरी का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, गुरुग्राम के शंकर चौक तक लगने वाली 2 किलोमीटर लंबी जाम की कतारें अब अतीत की बात हो जाएंगी।


भविष्य की योजनाएँ

सरहौल बॉर्डर से टोल हटाना दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। दिल्ली सरकार पहले ही इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे चुकी है। अब उम्मीद है कि यह बदलाव जल्द लागू होगा, जिससे लाखों यात्रियों को रोजाना की परेशानियों से राहत मिलेगी।


इसके अलावा, भविष्य में अन्य भीड़-भाड़ वाले टोल बूथों को भी स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा सकती है। यह कदम न केवल गुरुग्राम-दिल्ली यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात प्रबंधन को बेहतर करने में भी मदद करेगा।