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सर्दियों में अंडों की कीमतों में भारी वृद्धि, जानें कारण

इस सर्दी में अंडों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है। प्रमुख शहरों में अंडे 8 से 12 रुपये के बीच बिक रहे हैं। पोल्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि मांग में वृद्धि और उत्पादन में कमी के कारण कीमतों में यह उछाल आया है। जानें कि आने वाले महीनों में कीमतों में और वृद्धि की संभावना है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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सर्दियों में अंडों की कीमतों में भारी वृद्धि, जानें कारण

अंडों की बढ़ती कीमतें

नई दिल्ली: इस सर्दी में अंडों की कीमतें आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। देश के प्रमुख शहरों में अंडों की कीमत 8 से 12 रुपये के बीच चल रही है। दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, लखनऊ, वाराणसी, पटना और रांची जैसे स्थानों पर एक अंडा 8 रुपये से कम नहीं मिल रहा है। आमतौर पर 7 से 9 रुपये में बिकने वाला अंडा इस बार रिकॉर्ड स्तर पर महंगा हो गया है।


कीमतों में और वृद्धि की संभावना

दिसंबर का महीना अभी खत्म नहीं हुआ है और जनवरी का आगमन बाकी है, ऐसे में कीमतों में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। पोल्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, अगस्त और सितंबर के मुकाबले अंडों की कीमतें 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। सर्दियों में अंडों की मांग में अचानक वृद्धि होती है, क्योंकि लोग इसे सस्ता और पौष्टिक भोजन मानते हैं। यही कारण है कि इस मौसम में अंडों की खपत तेजी से बढ़ती है।


पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष की राय

मांग में वृद्धि और उत्पादन में कमी के कारण कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ा है। यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अकबर अली के अनुसार, दिसंबर में अंडों की मांग में वृद्धि होती है। उत्तर प्रदेश में रोजाना लगभग 5.5 से 6 करोड़ अंडों की आवश्यकता होती है, जिसमें से 3.5 से 4 करोड़ अंडे अन्य राज्यों से मंगाए जाते हैं। यूपी में थोक मूल्य 7.5 रुपये प्रति अंडा तक पहुंच गया है, जबकि रिटेल में कीमत 8 से 10 रुपये तक है।


जनवरी में कीमतों का अनुमान

ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने से कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। अनुमान है कि जनवरी में थोक मूल्य में 15 से 20 पैसे प्रति अंडा की और वृद्धि हो सकती है। पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रनपाल ढांढा का कहना है कि 8 रुपये का अंडा महंगा नहीं कहा जा सकता। पिछले कई वर्षों से पोल्ट्री फीड की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, लेकिन अंडों की कीमतें स्थिर थीं।


उत्पादन में कमी के कारण

मक्का और सोयाबीन की कीमतों में हर साल वृद्धि होने से उत्पादन लागत में काफी बढ़ोतरी हुई है। उचित मूल्य न मिलने के कारण कई पोल्ट्री किसान अपने व्यवसाय को बंद कर चुके हैं, जिससे अंडों का उत्पादन घटा है। नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमिटी के अनुसार, थोक बाजार में सबसे सस्ता अंडा फिलहाल तमिलनाडु के नमक्कल और कर्नाटक के होसपेट में मिल रहा है, जहां 100 अंडों की कीमत 640 से 645 रुपये के बीच है।