सांसद अंबिका लक्ष्मी नारायण ने MPLADS में सुधार की मांग की

MPLADS में सुधार की आवश्यकता
अंबिका लक्ष्मी नारायण, जो सांसद हैं, ने हाल ही में संसद में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने वार्षिक आवंटन को बढ़ाने और विकास कार्यों को जीएसटी से छूट देने की बात की। यह विषय देशभर में स्थानीय विकास कार्यों और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।महंगाई के प्रभाव के कारण, सांसदों के लिए वर्तमान 5 करोड़ रुपये का वार्षिक आवंटन, जो 2011 से अपरिवर्तित है, अब अपर्याप्त हो गया है। अंबिका ने बताया कि अनंतपुर जैसे बड़े ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ पीने के पानी की कमी और खराब सड़क कनेक्टिविटी जैसी समस्याएँ हैं, यह धनराशि आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विकास कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने के लिए आवश्यक हैं।
अंबिका ने एमपीलैड्स के तहत विकास कार्यों पर जीएसटी लगाने का विरोध किया है। उनका तर्क है कि इन्हें अन्य कल्याणकारी योजनाओं के समान माना जाना चाहिए, जिन्हें जीएसटी से छूट मिलती है। वर्तमान में, एमपीलैड्स फंडेड परियोजनाओं पर 12% से 18% तक जीएसटी लगता है, जिससे परियोजनाओं के लिए उपलब्ध राशि कम हो जाती है।
संसदीय स्थायी समिति ने भी इस मुद्दे को उठाया है, यह बताते हुए कि जीएसटी के कारण 1 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर लगभग 18 लाख रुपये जीएसटी के रूप में चले जाते हैं।
अंबिका ने केंद्रीय वित्त मंत्री और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से इन मांगों पर विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने MPLADS फंड को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये प्रति सांसद सालाना करने और सभी कार्यों के लिए पूर्ण जीएसटी छूट की मांग की है। उनका मानना है कि ये सुधार सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक प्रभावी ढंग से विकास कार्य करने में मदद करेंगे।