सावन 2025: कांवड़ यात्रा और इसके महत्व की जानकारी

सावन मास का महत्व
Sawan 2025 Date: हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण मास का गहरा धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए इसे 'महादेव शिव का प्रिय मास' कहा जाता है। यह चातुर्मास का पहला महीना है। आइए जानते हैं कि इस साल पवित्र सावन मास की शुरुआत कब होगी और कांवर यात्रा का शुभारंभ कब से होगा।
सावन मास का महत्व
सावन के पूरे महीने में भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं। सोमवार को 'श्रावण सोमवारी' व्रत का आयोजन किया जाता है। आइए 10 बिंदुओं में समझते हैं कि सावन मास का महत्व क्या है:
- भगवान शिव का प्रिय महीना: यह भगवान शिव का प्रिय महीना है, इसलिए इस दौरान शिवभक्त विशेष रूप से उनकी पूजा और जलाभिषेक करते हैं।
- श्रावण सोमवारी व्रत: इस मास में श्रावण सोमवारी व्रत का विशेष महत्व है। हर सोमवार को भक्त व्रत रखकर शिवलिंग की पूजा करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- समुद्र मंथन और विषपान कथा: इस महीने का संबंध समुद्र मंथन और विषपान की कथा से जुड़ा है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी महीने में समुद्र मंथन से निकले विष को पीकर सृष्टि की रक्षा की थी।
- पार्वती की तपस्या का महीना: हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन मास में माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था, जिससे यह मास विशेष माना जाता है।
- कांवड़ यात्रा: इस महीने लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और शिव मंदिरों में जल अर्पित करते हैं।
- आध्यात्मिक शुद्धि का समय: मान्यता है कि यह मास व्रत, उपवास, ध्यान और जप के माध्यम से आत्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है।
- प्रकृति पूजा: इस महीने हरियाली तीज, झूले और वर्षा ऋतु के सौंदर्य के साथ प्रकृति की आराधना की जाती है।
- पर्यावरण और स्वास्थ्य लाभ: सावन में सात्विक भोजन, संयम और शुद्ध जलवायु से शरीर और मन को लाभ होता है।
- कुंवारी कन्याओं के व्रत: इस महीने में उत्तम पति की प्राप्ति के लिए कन्याएं सोमवारी व्रत करती हैं।
कब से शुरू होगा सावन 2025
द्रिक पंचांग के अनुसार, 2025 में सावन मास की शुरुआत शुक्रवार, 11 जुलाई, 2025 से होगी। इस बार सावन मास में भक्तों को भगवान शिव की आराधना के लिए कुल 30 दिन मिलेंगे।
सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व है, क्योंकि यह कैलाशपति शिव का प्रिय दिन है। 2025 में पहला श्रावणी सोमवार 14 जुलाई, 2025 को आएगा। सावन 2025 की पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त, 2025 को होगी, जब रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाएगा।
कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा 2025?
कांवड़ यात्रा हिन्दू धर्म की एक पवित्र यात्रा है, जो भगवान शिव की आराधना में की जाती है। यह मुख्यतः सावन मास में होती है। इस यात्रा में भक्त पवित्र गंगा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा करते हैं और इसे शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
द्रिक पंचांग के अनुसार, 2025 में सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई को रात 2:06 बजे से होगी, और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा। इसी दिन से पवित्र कांवड़ यात्रा का शुभारंभ भी होगा, जो श्रद्धा और आस्था से भरी यात्रा है। यह यात्रा सावन शिवरात्रि तक जारी रहेगी, जो 23 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
अटल श्रद्धा का प्रतीक है कांवड़ यात्रा
कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह आस्था, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक भी है। लाखों श्रद्धालु बिना किसी स्वार्थ के, कठोर नियमों का पालन करते हुए, पैदल या डाक कांवड़ के रूप में यह यात्रा पूरी करते हैं। यह यात्रा भक्तों की अटल श्रद्धा, शिव भक्ति, और संयमपूर्ण जीवनशैली का जीवंत उदाहरण है।