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सावन के पहले सोमवार पर विशेष योग: भगवान शिव की पूजा का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को आ रहा है, जब 6 विशेष योग एक साथ बनेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, यह संयोग लगभग 100 वर्षों बाद बन रहा है। जानें इस दिन की पूजा विधि और शुभ समय, जिससे भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होगी।
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सावन के पहले सोमवार पर विशेष योग: भगवान शिव की पूजा का महत्व

सावन का महीना और भगवान शिव की पूजा

लखनऊ: सावन का महीना भगवान भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस पवित्र समय में शिव भक्त विशेष रूप से व्रत रखते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं। इस वर्ष सावन का पहला सोमवार अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि ग्रहों की स्थिति कुछ विशेष संयोग बना रही है।


विशेष योग का संयोग

14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार आएगा, जब 6 विशेष योग एक साथ बनेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, यह संयोग लगभग 100 वर्षों बाद बन रहा है। बीएचयू के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय पांडेय ने बताया कि सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा, जिसमें हर सोमवार शिव भक्त भगवान शिव की पूजा करेंगे।


पूजा विधि और शुभ समय

इस बार सावन के पहले सोमवार को प्रीति योग, आयुष्मान योग, सुकर्मा योग, शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग का संयोग होगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, इन योगों के कारण इस दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

पूजा विधि: ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान शिव का षोडशोपचार, दशोपचार या राजोपचार विधि से पूजन कर सकते हैं। जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल आदि अर्पित करना फलदायी होता है।


शुभ योगों का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के पहले सोमवार पर सुबह 10 बजे से रात 10:30 बजे तक प्रीति योग रहेगा। इसके अलावा, दोपहर 12:18 बजे से 1:51 बजे तक आयुष्मान योग का संयोग होगा। दोपहर 1:33 बजे से 2:33 बजे तक सुकर्मा योग और शाम 5:19 बजे से रात 7:15 बजे तक शिव योग का संयोग रहेगा। इन शुभ योगों के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।


सावन का हर दिन पुण्यकारी

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब किसी दिन में 4 या उससे अधिक शुभ योग बनते हैं, तो वह दिन विशेष रूप से पुण्यकारी होता है। इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होगा और जीवन की कठिनाइयों का समाधान होगा।