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सावन में मांसाहार से परहेज: धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, जिसमें मांसाहार से परहेज की सलाह दी जाती है। जानें इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण। सावन में मांसाहार को तामसिक भोजन माना जाता है, जो पूजा-पाठ में विघ्न डाल सकता है। इसके अलावा, बारिश के कारण मांस जल्दी सड़ता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में जानें कि सावन में हल्का और शाकाहारी भोजन क्यों बेहतर है।
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सावन में मांसाहार से परहेज: धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सावन 2025 में मांसाहार पर प्रतिबंध

सावन 2025 में मांसाहार पर प्रतिबंध:  सावन का पवित्र महीना आरंभ हो चुका है, जो इस वर्ष 29 दिनों तक चलेगा। हिंदू धर्म में सावन को भगवान शिव के प्रति समर्पित एक महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जैसे नवरात्रि के नौ दिन। इस दौरान पूजा-पाठ, खान-पान और जीवनशैली में संयम बरतने की सलाह दी जाती है। विशेष रूप से मांसाहार से बचना अत्यंत आवश्यक माना गया है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं।


मांसाहार परहेज का धार्मिक कारण

क्यों मांसाहार वर्जित है?

श्रावण माह को पवित्रता और शुद्धता से जोड़ा गया है। यह भगवान शिव का प्रिय महीना है, इसलिए भक्त अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखते हैं और ध्यान, जप तथा व्रत का पालन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नॉनवेज एक तामसिक भोजन है, जो क्रोध, आलस्य, अहंकार और अज्ञानता को बढ़ावा देता है। इससे व्यक्ति का मन पूजा-पाठ से भटक सकता है और ईश्वर से जुड़ाव टूट सकता है। इसके अलावा, सावन में बारिश अधिक होती है, जिससे मांसाहार में कीड़े और सूक्ष्म जीव पनपने लगते हैं। इसलिए मांस का सेवन जीव हत्या के समान माना जाता है, जो धार्मिक दृष्टि से पाप है।


वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक कारण भी हैं खास

धर्म के अलावा, विज्ञान भी इस परहेज की पुष्टि करता है। सावन के महीनों में बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे खाद्य पदार्थों में फंगस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौसम में मांस जल्दी सड़ता है। सामान्यतः कोई मांसाहारी चीज 6 घंटे तक सुरक्षित रहती है, लेकिन सावन में यह 4 घंटे में ही खराब हो सकती है। इसके अलावा, इस समय पाचन शक्ति भी कमजोर होती है, और मांसाहार गरिष्ठ भोजन की श्रेणी में आता है। इसका सेवन अपच, एसिडिटी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए वैज्ञानिक दृष्टि से भी सावन में हल्का, सादा और शाकाहारी भोजन लेना बेहतर है।


नॉन-वेज से बचें

न खाएं नॉन-वेज

इस प्रकार, सावन में नॉनवेज खाना न केवल धार्मिक दृष्टि से अनुचित है, बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इस पावन महीने में संयम, भक्ति और शुद्धता का पालन करना उचित है।