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सिकंदराबाद में सरोगेसी के नाम पर चल रहा था बच्चा खरीदने का रैकेट

सिकंदराबाद के एक फर्टिलिटी क्लिनिक में सरोगेसी के नाम पर चल रहे अवैध रैकेट का खुलासा हुआ है। एक दंपत्ति ने जब डीएनए टेस्ट कराया, तो पता चला कि बच्चा उनसे जेनेटिक रूप से जुड़ा नहीं था। पुलिस जांच में सामने आया कि क्लिनिक गरीब महिलाओं से नवजात बच्चे खरीदकर उन्हें सरोगेसी के नाम पर बेच रहा था। इस मामले ने IVF और सरोगेसी की प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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सिकंदराबाद में सरोगेसी के नाम पर चल रहा था बच्चा खरीदने का रैकेट

सिकंदराबाद के फर्टिलिटी क्लिनिक में खुलासा

हैदराबाद समाचार: सिकंदराबाद के एक फर्टिलिटी क्लिनिक से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो उन दंपत्तियों को झकझोर सकता है जो सरोगेसी के माध्यम से संतान सुख की तलाश में हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक दंपत्ति को क्लिनिक ने आश्वासन दिया था कि उन्हें सरोगेसी के जरिए जैविक संतान मिलेगी, लेकिन जब उन्होंने खुद डीएनए परीक्षण कराया, तो पता चला कि बच्चा उनसे जेनेटिक रूप से संबंधित नहीं था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि डॉक्टर नम्रता के नेतृत्व में यह क्लिनिक गरीब महिलाओं से नवजात बच्चों को खरीदकर उन्हें सरोगेसी के नाम पर बेच रहा था। इस अवैध धंधे में डॉक्टर के साथ उसका बेटा, एजेंट और तकनीशियन भी शामिल थे। पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह सरोगेसी का मामला नहीं है, बल्कि एक बच्चा खरीदने-बेचने का रैकेट है। इस घटना ने IVF और सरोगेसी से जुड़ी प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।