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सिक्किम ने ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त कदम उठाए, नया बिल तैयार

सिक्किम ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए नया बिल 2025 तैयार किया है, जो सट्टेबाजी से जुड़े खेलों को नियंत्रित करेगा। राज्य ने पिछले दो वर्षों में कई अवैध गेमिंग वेबसाइटों को ब्लॉक किया और जुआ लेनदेन से जुड़े करोड़ों रुपये फ्रीज किए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर केंद्रीय नियमन की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर सिक्किम की मुहिम और इसके सामाजिक प्रभाव के बारे में।
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सिक्किम ने ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त कदम उठाए, नया बिल तैयार

सिक्किम की ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई

सिक्किम ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कठोर कदम उठाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस छोटे हिमालयी राज्य ने केंद्र सरकार के ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह विधेयक सट्टेबाजी से संबंधित पैसे आधारित ऑनलाइन खेलों को नियंत्रित करता है और संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध के बावजूद पारित हो चुका है। अब यह राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है।


राज्य लॉटरी निदेशालय के प्रमुख पवन अवस्थी ने बताया कि सिक्किम पिछले दो वर्षों से इस मुद्दे पर सक्रिय है। उन्होंने कहा, “इस दौरान हमने कई गेमिंग वेबसाइटों को ब्लॉक किया और नए कानून के मसौदे को प्रभावित किया। दिसंबर 2023 में ऑनलाइन गेमिंग साइटों की बढ़ती संख्या और नागरिकों की सट्टेबाजी में बढ़ती भागीदारी की खबरों के बाद कार्रवाई शुरू हुई।”


सिक्किम की दो साल की मुहिम


अवस्थी ने कहा, “हमने तुरंत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को पत्र लिखा और राज्य के नोडल अधिकारी, डीआईजी-सीआईडी के साथ समन्वय किया। सहयोग ऐप के माध्यम से वेबसाइटों की शिकायत दर्ज की गई। दो महीनों के सक्रिय समन्वय में सिक्किम ने लगभग 90 अवैध वेबसाइटों को ब्लॉक किया और जुआ लेनदेन से जुड़े पांच वर्चुअल खातों में लगभग 32 करोड़ रुपये फ्रीज किए।”


अवस्थी ने कहा, “मंत्रालय और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने माना कि सिक्किम उन गिने-चुने राज्यों में से है जिन्होंने लगातार कार्रवाई की, जिसने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 में योगदान दिया।”


अवैध वेबसाइटों पर तेजी से बढ़ी सख्ती


डीआईजी-क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट, तेनजिंग लोडेन लेप्चा ने बताया कि 70 वेबसाइटों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट के तहत संगठित अपराध और धोखाधड़ी के प्रावधानों में एफआईआर दर्ज की गई। लेप्चा ने कहा, “अधिकांश अवैध जुआ डोमेन विदेशों में पंजीकृत थे, जिनके सर्वर यूरोपीय देशों में थे, जिससे सीधी कार्रवाई चुनौतीपूर्ण थी।”


उन्होंने बताया कि हमने टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के जरिए पहुंच ब्लॉक की, लेकिन नए डोमेन सामने आते रहे। इसलिए हमने बैंकिंग चैनलों पर ध्यान केंद्रित किया, जहां जमा और निकासी होती है। इससे हमने धनराशि फ्रीज की।


लेप्चा ने कहा कि करीब 25,000 सिक्किमवासी ‘खेलो बेट’ जैसे प्लेटफार्मों पर रजिस्टर्ड थे। उन्होंने चिंता जताई, “हम अभी भी शामिल लोगों की संख्या की जांच कर रहे हैं, जिसमें यह भी देखा जा रहा है कि क्या सरकारी कर्मचारी इसमें शामिल हैं। जुए की लत एक गंभीर सामाजिक समस्या बन रही है। राज्य में ऑनलाइन सट्टेबाजी के नुकसान से जुड़े पांच आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।”


सामाजिक कल्याण के लिए सिक्किम ने उठाया सख्त कदम


मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोलाय ने केंद्रीय गृह मंत्री को एक पत्र लिखकर ऑनलाइन गेमिंग पर केंद्रीय नियमन की मांग की थी। अवस्थी ने कहा, “नया ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 में सिक्किम द्वारा पिछले दो वर्षों में उठाए गए लगभग सभी मुद्दों को शामिल किया गया है। यह हमारे लिए बड़ी राहत है।”


डीआईजी लेप्चा ने जोर देकर कहा कि भारतीय कानून के तहत कौशल आधारित गेम्स की अनुमति है, लेकिन मौके पर आधारित जुआ अवैध है। उन्होंने कहा, “कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में जुए की लत को नशे की लत की तरह माना जाता है। हम यहां भी ऐसी प्रवृत्तियां देख रहे हैं। यह केवल व्यक्तिगत पीड़ितों की बात नहीं, बल्कि समाज के कल्याण की बात है।”