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सिख समुदाय ने जून 1984 के घल्लूघारा की 41वीं वर्षगांठ मनाई

सिख समुदाय ने जून 1984 के घल्लूघारा की 41वीं वर्षगांठ मनाते हुए एकता का संदेश दिया। जत्थेदार कुलदीप सिंह ने सभी सिखों से एकजुट होने की अपील की, यह कहते हुए कि वर्तमान में समुदाय को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने शहीदों को याद करते हुए कहा कि धर्म को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर कई प्रमुख शहीदों को भी याद किया गया।
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घल्लूघारा की वर्षगांठ पर एकता का संदेश

सिख समुदाय आज जून 1984 के घल्लूघारा की 41वीं वर्षगांठ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने श्री अकाल तख्त साहिब से समुदाय के लिए एक संदेश जारी किया।


जत्थेदार साहिब ने सभी सिखों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिख समुदाय को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं और देश-विदेश में सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय की चुनौतियों का सामना एकजुट होकर करना आवश्यक है, चाहे वह बंदी सिंहों की रिहाई का मामला हो।


जत्थेदार कुलदीप सिंह ने कहा कि आज पूरे खालसा पंथ ने एकता के साथ शहीदों को याद किया। उन्होंने घल्लूघारा की याद दिलाई, जब श्री अकाल तख्त साहिब को तोड़ा गया था। उन्होंने सिख समुदाय से अपील की कि वे अपने मतभेद भुलाकर एकजुट हों, जैसे शहीदों ने धर्म को प्राथमिकता दी थी।


इस अवसर पर संत जरनैल सिंह भिंडरावाले, जनरल शुबेग सिंह और उस समय के विभिन्न शहीदों को याद किया गया। जत्थेदार साहिब ने माता गुरजीत कौर से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपने परिवार के 6 सदस्यों को खो दिया।