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सिद्धारमैया की नई राजनीतिक रणनीति: कन्नड़ अस्मिता और अहिंदा राजनीति का जोर

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी राजनीतिक दिशा में एक नया मोड़ लिया है, जिसमें उन्होंने कन्नड़ अस्मिता और अहिंदा राजनीति को प्रमुखता दी है। डीके शिवकुमार को अलग-थलग करने के प्रयास में, सिद्धारमैया ने बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को दशहरा समारोह में आमंत्रित किया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। इस कदम से उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवकुमार इसका कैसे जवाब देते हैं।
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सिद्धारमैया की नई राजनीतिक रणनीति: कन्नड़ अस्मिता और अहिंदा राजनीति का जोर

सिद्धारमैया की राजनीतिक दिशा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक ऐसी राजनीतिक दिशा अपनाई है, जिसमें उनके प्रतिद्वंद्वी और मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार डीके शिवकुमार को अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है। इस रणनीति से न केवल पार्टी नेतृत्व को असहजता का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि यह कन्नड़ अस्मिता और अहिंदा राजनीति को भी मजबूती प्रदान कर रही है। अहिंदा राजनीति में मुख्य रूप से पिछड़े वर्ग, मुस्लिम और दलित समुदाय शामिल हैं। सिद्धारमैया, जो खुद पिछड़ी जाति से हैं, मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं, शिवकुमार वोक्कालिगा समाज से आते हैं और नरम हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाने जाते हैं।


बुकर पुरस्कार विजेता का निमंत्रण

सिद्धारमैया ने अपनी राजनीतिक रणनीति में एक नया कदम उठाते हुए बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका बानू मुश्ताक को मैसुरू दशहरा समारोह के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है। बानू मुश्ताक का सम्मान करना किसी के लिए भी विवाद का विषय नहीं है, लेकिन हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन कराने से विवाद उत्पन्न होना तय था। विवाद बढ़ने के बाद मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया। हालांकि, इस कदम से सिद्धारमैया अल्पसंख्यक समुदाय में लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहे हैं। यह संदेश पूरे देश में फैलने की संभावना है।


कन्नड़ अस्मिता का महत्व

सिद्धारमैया ने एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति से यह पूछकर कि क्या उन्हें कन्नड़ आती है, एक महत्वपूर्ण बयान दिया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे कन्नड़ में ही बोलेंगे। राष्ट्रपति ने इस स्थिति को संभाल लिया, लेकिन सिद्धारमैया की कन्नड़ अस्मिता और अहिंदा राजनीति मुख्यमंत्री की कुर्सी को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवकुमार इस स्थिति का कैसे जवाब देते हैं।