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सिरजन प्रत्यय का 27वां संस्करण अमृतसर में सफलतापूर्वक आयोजित

अमृतसर में नाद प्रगास श्री अमृतसर संस्थान द्वारा आयोजित 'सिरजन प्रत्यय' का 27वां संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में प्रमुख कवि रविंदर सिंह ने अपनी जीवन यात्रा और कविता लेखन के अनुभव साझा किए। युवा कवियों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिससे कार्यक्रम में रचनात्मकता का एक नया आयाम जुड़ा। जानें इस साहित्यिक समागम की खास बातें और कवियों की प्रस्तुतियों के बारे में।
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सिरजन प्रत्यय का 27वां संस्करण अमृतसर में सफलतापूर्वक आयोजित

साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन

अमृतसर/दीपक मेहरा : नाद प्रगास श्री अमृतसर संस्थान ने अपने मासिक साहित्यिक कार्यक्रम ‘सिरजन प्रत्यय’ का 27वां संस्करण सेमिनार हॉल में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में पंजाबी कविता के जाने-माने कवि रविंदर सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत रविंदर सिंह के प्रेरणादायक भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा और चिकित्सा क्षेत्र के साथ कविता लेखन के अनुभवों पर विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कविता लिखने के कारण उन्हें अक्सर पेशेवर और रचनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद, युवा कवियों का एक समूह मंच पर आया, जिसमें शायरप्रीत, डॉ. चरणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, कंवलजीत सिंह, जसप्रीत सिंह, कश्मीर सिंह गिल, साहिल छाबड़ा, निशान सिंह और नोवदीप सिंह ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर डॉ. जसवंत सिंह, प्रिंसिपल ज्ञानी सोहन सिंह सीतल ढाढ़ी अकादमी और गगनदीप सिंह, चेयरमैन रियारकी पब्लिक स्कूल ने मुख्य वक्ता को सम्मानित किया। समागम का समापन नाद प्रगासु के निदेशक प्रो. जगदीश सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मंच का संचालन सुरिंदर सिंह ने किया।