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सिरसा मंडी में फसलों के ताजा भाव: किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

हरियाणा के सिरसा मंडी में फसलों की आवक तेजी से बढ़ रही है, और नए भाव जारी किए गए हैं। जानें नरमा, कपास, सरसों और अन्य फसलों के ताजा भाव, जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह जानकारी किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने में मदद करेगी। मंडी के रुझानों पर नजर रखना आवश्यक है, ताकि सही समय पर फसल बेची जा सके।
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सिरसा मंडी में फसलों के ताजा भाव: किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

सिरसा मंडी में फसलों की कीमतों का अपडेट

सिरसा मंडी में फसलों के नवीनतम भाव: किसानों के लिए आवश्यक जानकारी: हरियाणा के सिरसा मंडी में फसलों की आवक तेजी से बढ़ रही है, और इसी के साथ फसलों के ताजा भाव भी जारी किए गए हैं।


यह मंडी न केवल स्थानीय किसानों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है, जहां नरमा, कपास, सरसों, और गेहूं जैसी फसलों की कीमतों में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। 11 जून 2025 को जारी हुए नए रेट्स किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने में मदद करेंगे। यह जानकारी किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी फसलों को सही समय पर बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकें।Mandi Bhav


सिरसा मंडी में इस बार नरमा 7000 से 7900 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर बिका, जबकि कपास के भाव 6500 से 7000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। सरसों की कीमतें 5400 से 6233 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहीं, जो किसानों के लिए अच्छी खबर है।


चना 4500 से 5211 रुपये, मूंग 6000 से 6600 रुपये, और अरंडी 5200 से 5685 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिकी। इसके अलावा, गुवार 4000 से 4850 रुपये, गेहूं 2000 से 2480 रुपये, जौ 1500 से 2150 रुपये, और बाजरी 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर उपलब्ध रही। इन उतार-चढ़ावों के बीच, किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे मंडी के रुझानों पर नजर रखें।


सिरसा मंडी की यह गतिशीलता न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है, बल्कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने में भी मदद करती है। मंडी में फसलों की भारी आवक के कारण कीमतों में बदलाव देखा जा रहा है, और यह किसानों के लिए अपने उत्पादों को बेचने का सही समय हो सकता है।


विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम और मांग के आधार पर कीमतें और बदल सकती हैं, इसलिए किसानों को नियमित रूप से मंडी भाव की जानकारी लेते रहना चाहिए। यह जानकारी किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी।