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सिरसा में कपास की खेती: नई तकनीकों से फिर से चमकता 'सफेद सोना'

सिरसा में कपास की खेती एक बार फिर किसानों के लिए उम्मीद की किरण बन रही है। नई तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन का उपयोग कर किसान न केवल पानी की बचत कर रहे हैं, बल्कि शानदार पैदावार भी प्राप्त कर रहे हैं। इस लेख में जानें कि कैसे सिरसा के किसान इन आधुनिक विधियों के माध्यम से लाभ कमा रहे हैं और कपास को फिर से 'सफेद सोना' बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
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सिरसा में कपास की खेती: नई तकनीकों से फिर से चमकता 'सफेद सोना'

सिरसा में कपास की खेती: 'सफेद सोना' फिर से मुनाफा लाएगा

सिरसा में कपास की खेती एक बार फिर किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। हरियाणा के इस जिले में नई तकनीकों का उपयोग हो रहा है।


ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन जैसी आधुनिक विधियों से किसान न केवल पानी की बचत कर रहे हैं, बल्कि शानदार पैदावार भी प्राप्त कर रहे हैं। इससे कपास, जिसे पहले 'सफेद सोना' कहा जाता था, अब मुनाफे का सौदा बनता जा रहा है। आइए जानते हैं कि सिरसा के किसान कैसे नए प्रयोगों के जरिए समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।


नई तकनीक, नई उम्मीद: SABC की स्टडी

दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (SABC) ने सिरसा के गिदड़ा गांव में खरीफ 2024 सीजन के दौरान एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया।


इस प्रदर्शनी में पुनर्योजी कपास की खेती को प्रदर्शित किया गया। अध्ययन में यह पाया गया कि ड्रिप सिंचाई, फर्टिगेशन और एकीकृत कीट प्रबंधन से कपास का उत्पादन बढ़ सकता है। सिरसा के उच्च तकनीक अनुसंधान स्टेशन पर यह प्रदर्शनी किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। विशेषज्ञों ने बताया कि आधुनिक तकनीक से न केवल पैदावार में वृद्धि होगी, बल्कि खेती भी टिकाऊ बनेगी।


ड्रिप सिंचाई: पानी की बचत और मुनाफे में वृद्धि

क्या आप जानते हैं कि ड्रिप सिंचाई से 60-70% तक पानी की बचत की जा सकती है? सिरसा के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. दिलीप मोंगा और SABC के डॉ. दीपक जाखड़ किसानों को इस तकनीक के लाभों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।


इस विधि से पानी सीधे जड़ों तक पहुंचता है, जिससे खरपतवार कम होते हैं और फसल को सही पोषण मिलता है। फर्टिगेशन के माध्यम से उर्वरक का प्रभावी उपयोग भी संभव है। सिरसा में कपास की खेती को यह तकनीक नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।


टिकाऊ खेती: सौर ऊर्जा और जल भंडारण

पानी और पोषक तत्वों की दक्षता के लिए SABC ड्रिप फर्टिगेशन को बढ़ावा दे रहा है। मेटिंग डिसरप्शन और फेरोमोन ट्रैप जैसे तरीकों से कीटों का प्रबंधन आसान हो रहा है।


सौर ऊर्जा चालित सिंचाई और जल भंडारण टैंक के उपयोग से टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे कपास की पैदावार में वृद्धि होगी। सिरसा के किसान अब इन तरीकों से लाभ कमा सकते हैं, जो कपास को फिर से 'सफेद सोना' बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


किसानों के लिए सुनहरा अवसर

सिरसा में कपास की खेती की यह नई शुरुआत किसानों के लिए उम्मीद जगाती है। एक समय कपास भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी, लेकिन अब यह संकट का सामना कर रही है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान उपज और गुणवत्ता की समस्याओं से जूझ रहे हैं।


हालांकि, सिरसा की प्रदर्शनी ने एक नया रास्ता दिखाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन तकनीकों से न केवल पैदावार बढ़ेगी, बल्कि खेती भी लाभदायक बनेगी। आइए, इस अवसर को हाथ से न जाने दें और कपास को फिर से 'सफेद सोना' बनाएं।