सीएम ने सिख समुदाय की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया

गुरुद्वारा लखनौर साहिब में सीएम का दौरा
- गुरुद्वारा लखनौर साहिब में आशीर्वाद लेने पहुंचे सीएम, सम्मान चिन्ह व सिरोपा देकर किया स्वागत
(अंबाला न्यूज़) अंबाला। मुख्यमंत्री नायब सैनी हाल ही में गुरुद्वारा श्री लखनौर साहिब में आशीर्वाद लेने पहुंचे। यहां उनका स्वागत सिरोपा और सम्मान चिन्ह देकर किया गया। सीएम ने गुरुघर में माथा टेकते हुए सभा को संबोधित किया और कहा कि जब हम अपने गुरुओं की बहादुरी और बलिदानों को याद करते हैं, तो यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि पर उन्हें गुरू का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिला है, जो माता गुजर कौर की भूमि है।
इस अवसर पर, अंबाला शहर से हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य गुरतेज सिंह ने प्रधान जगदीश सिंह झींडा की अध्यक्षता में सिख समाज की लंबित मांगों का ज्ञापन सीएम को सौंपा। गुरतेज सिंह ने बताया कि सिख समाज लंबे समय से इन मांगों के लिए संघर्ष कर रहा है और अब उन्होंने सीएम के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं। सीएम ने सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
सिख समाज की मांगें
सिख समाज ने सीएम के समक्ष रखी ये मांगे
- सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर विश्वविद्यालय का जल्द निर्माण करवाया जाए।
- रिंग रोड से गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब तक जाने के लिए सर्विस रोड बनाई जाए।
- धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शताब्दी के उपलक्ष्य में एक समर्पित द्वार बनाया जाए।
- गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब के जीटी रोड वाले गेट के सामने खाली एरिया को टाइल्स लगाकर पक्का कर ग्रीन बेल्ट का निर्माण करवाया जाए।
- गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब से गुरुद्वारा श्री लखनौर साहिब तक एसी बस सेवा चलाई जाए। जो रास्ते में पड़ने वाले सभी गुरुद्वारा साहिबों से होकर गुजरे। रविवार के दिन यह सेवा विशेष तौर पर चलाई जाए।
- अंबाला शहर के सभी गुरुद्वारा साहिबों और मंदिरों में बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना को लागू करवाई जाए।
- बच्चों में इतिहास की बेहतर समझ के लिए लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाए।
- गुरुद्वारा लखनौर साहिब, मरदो साहिब और गेंदसर साहिब के पार्किंग स्थलों में टाइलें और टावर लाइटें लगवाई जाएं।
- केंद्रीय और राज्य परीक्षा हॉल में ककारों को अनुमति देने के लिए विधानसभा में अध्यादेश या विशिष्ट कानून के माध्यम से स्पष्ट कानून बनाया जाए।