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सीएम भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर मुआवज़ा बढ़ाने की मांग की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्र सरकार से मुआवज़ा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने किसानों के नुकसान का आकलन करने और राहत कार्यों की निगरानी करने का आश्वासन दिया। जानें इस संकट के समय में सरकार की क्या योजनाएँ हैं और कैसे प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है।
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सीएम भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर मुआवज़ा बढ़ाने की मांग की

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नाव के माध्यम से फिरोजपुर के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा बढ़ाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि बाढ़ के कारण हुए नुकसान के लिए लोगों को बहुत कम मुआवज़ा मिल रहा है और उन्होंने मुआवज़े के मानकों में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया।


जमीनी हालात का आकलन

नाव से निरीक्षण करते हुए, मान ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार मौजूदा मानक किसानों और पशुपालकों को हुए नुकसान के लिए अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों की खेती में बढ़ी हुई लागत के मुकाबले बहुत कम मुआवज़ा मिल रहा है।


मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मुख्यमंत्री ने गटी राजो गांव में अधिकारियों के साथ बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और कहा कि किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50,000 रुपये का मुआवज़ा मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए एक्स-ग्रेशिया राशि को 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने की मांग की है।


केंद्र सरकार से सहयोग की अपील

मान ने कहा कि वह लगातार केंद्र सरकार से किसानों के नुकसान के लिए मुआवज़ा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें फोन किया था और स्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की सहायता में जुटी हुई है।


बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए शर्तों के कारण पीड़ितों की मदद में बाधाएं आ रही हैं। उन्होंने केंद्र से अपील की कि इस कठिन समय में बाढ़ पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालिया बाढ़ से पंजाब के 1300 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं।


भविष्य की चुनौतियाँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से अधिक जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में तीन लाख एकड़ खेत जलमग्न हैं, जिनमें अधिकांश धान की फसल थी।


प्रशासन को निर्देश

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे गांववासियों के नुकसान का आकलन करें ताकि उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संकट के समय में लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।


राहत कार्यों की निगरानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और इस कठिन समय में लोगों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अनाज उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया है और अब समय आ गया है कि राज्य को उसका हक़ लौटाया जाए।