सीटू का न्यूनतम वेतन रिवाइज की मांग को लेकर जींद में प्रदर्शन

प्रदर्शन का उद्देश्य
- उपायुक्त के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा गया
(Jind News) जींद। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के आह्वान पर शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने न्यूनतम वेतन को 26 हजार रुपये करने की मांग को लेकर लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री नायब सैनी को ज्ञापन सौंपा।
मजदूरों का गुस्सा
प्रदर्शन में शामिल जिला उपप्रधान रमेश चंद्र और कपूर सिंह ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने पिछले एक दशक में न्यूनतम वेतन में कोई बदलाव नहीं किया है। नियमों के अनुसार, हर पांच साल में न्यूनतम वेतन को संशोधित किया जाना चाहिए।
मजदूरों में न्यूनतम वेतन में देरी को लेकर गहरा रोष है। प्रदेशभर में मजदूर, कच्चे कर्मचारी, मनरेगा और भ_ा मजदूरों ने सड़कों पर उतरकर सरकार को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में न्यूनतम वेतन में संशोधन न होने के कारण लाखों मजदूरों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
सरकार की न्यूनतम वेतन नीति
उन्होंने बताया कि यदि 2014 और 2020 में न्यूनतम वेतन को संशोधित किया गया होता, तो अब 2025 में यह 28-30 हजार रुपये होना चाहिए। जबकि श्रमिक संगठनों की 26 हजार रुपये की मांग को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है।
महंगाई में वृद्धि के बावजूद, हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन केवल 11257 रुपये है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि 26 हजार रुपये से कम वेतन किसी भी अस्थायी या कच्चे कर्मचारी को न दिया जाए।
अन्य मांगें
उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 800 रुपये की जानी चाहिए और चारों लेबर कोड को रद्द किया जाए। इस मौके पर संदीप जाजवान, उपप्रधान सुरेश करसोला, जोगिंद्र, बिट्टू, दीनदयाल, राजबाला, रोशनी, अनीता सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।