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सीडीएस अनिल चौहान का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान: पाकिस्तान को 8 घंटे में ध्वस्त किया

सीडीएस अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को 8 घंटे में ध्वस्त कर दिया गया और यह भी बताया कि युद्ध में नुकसान से ज्यादा परिणाम महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने पाकिस्तान की ड्रोन क्षमता को कमजोर बताया और चेतावनी दी कि भारत एटमी हमले की धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा। जानें इस ऑपरेशन के बारे में और क्या कहा गया है।
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सीडीएस अनिल चौहान का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान: पाकिस्तान को 8 घंटे में ध्वस्त किया

ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा

सीडीएस अनिल चौहान ने शांगरी-ला-डायलॉग में पाकिस्तान को 40 देशों के सामने बेनकाब किया। इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा अभी भी जारी है। आज पुणे में, उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय में भविष्य के युद्ध और युद्धकला पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि युद्ध में नुकसान से ज्यादा परिणाम महत्वपूर्ण होते हैं। ऑपरेशन के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि युद्ध और राजनीति एक साथ चलती हैं।


हवाई युद्ध में ऐतिहासिक सफलता

जनरल अनिल चौहान ने कहा कि हवाई युद्ध के संदर्भ में, ऑपरेशन सिंदूर ने एक नया इतिहास रचा। उन्होंने बताया कि एक प्रतिकूल पक्ष के खिलाफ सफल ऑपरेशन किए गए। यदि आप सटीकता और आक्रामकता के साथ लगातार ऑपरेशन करने में सक्षम हैं, तो यह एक बड़ी उपलब्धि है। हम उन हवाई रक्षा नेटवर्क को भेदने में सफल रहे।


नुकसान से ज्यादा परिणाम महत्वपूर्ण


सीडीएस ने कहा कि पाकिस्तान की ड्रोन क्षमता भारत की तुलना में कमजोर है। हमारी सेना पेशेवर है और नुकसान से नहीं डरती। जनरल चौहान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने 48 घंटे की जंग की योजना बनाई थी, लेकिन हमने उसे 8 घंटे में ध्वस्त कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत एटमी हमले की धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा।


संघर्ष में नहीं पड़ना चाहते

सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है और यह जारी है। हमें अपनी चौकसी बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय तक संघर्ष में नहीं पड़ना चाहते थे। हमने ऑपरेशन प्रकरम में अपने अनुभव को देखा है। यह बहुत महंगा होता है और सब कुछ बाधित होता है।


पाकिस्तान की स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें अपनी चौकसी बनाए रखनी होगी। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, उन्होंने तेजी से चीजें खोनी शुरू कर दी थीं और अगर यह जारी रहता, तो और भी नुकसान की संभावना थी।