सीपी राधाकृष्णन: भाजपा सचिव से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार तक का सफर

भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया
रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार के रूप में नामित किया। यह घोषणा तब की गई जब देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दिया। आगामी 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए मतदान होगा। एनडीए की बैठक में सर्वसम्मति से राधाकृष्णन का नाम प्रस्तावित किया गया।
भाजपा अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह उनके लिए खुशी की बात है कि संसदीय बोर्ड की बैठक में सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना गया है।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव
सीपी राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं, के पास प्रशासनिक अनुभव की एक लंबी पृष्ठभूमि है। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आरएसएस से की। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य
1996 में, राधाकृष्णन को भाजपा तमिलनाडु का सचिव बनाया गया। इसके बाद 1998 में वे कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में पुनः जीत हासिल की। संसद में उन्होंने टेक्सटाइल पर स्थाई समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और कई अन्य समितियों के सदस्य भी रहे। 2004 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारतीय संसदीय दल के हिस्से के रूप में संबोधित किया।
19,000 किलोमीटर की पदयात्रा
2004 से 2007 तक, वे भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली। इस यात्रा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जैसे नदियों को जोड़ना, आतंकवाद का अंत करना, समान नागरिक संहिता लागू करना, छुआछूत समाप्त करना और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाना। इस यात्रा ने उनके राजनीतिक कद को और बढ़ाया।