सीबीआई ने जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष को भ्रष्टाचार मामले में दो साल की सजा सुनाई

भ्रष्टाचार के मामले में सजा
रांची। सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद को भ्रष्टाचार के मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, आरोपी सुरेंद्र कुमार जैन और सुधीर जैन को भी दो-दो साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने दिलीप प्रसाद को अपील करने के लिए जमानत भी दी है। उन पर और जैन बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी और षडयंत्र के माध्यम से सरकार को लगभग 29 लाख रुपये का राजस्व नुकसान पहुँचाया। यह मामला 2004 में हुए घोटाले से संबंधित है, जिसमें 2013 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। दिलीप प्रसाद पर जेपीएससी में नियुक्तियों में रिश्वत लेने का भी आरोप है।
यह मामला सीबीआई के केस नंबर RC 6/2013 के तहत दर्ज किया गया था। भर्ती घोटाले से जुड़े कई मामलों में से यह पहला मामला है, जिसमें अदालत का अंतिम निर्णय आया है। अदालत ने पहले अंतिम बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है। मामले में अंतिम बहस पूरी होने के बाद, अदालत ने 21 जुलाई को फैसले की तिथि निर्धारित की थी। दिलीप प्रसाद के खिलाफ दर्ज मामलों में से यह पहला निर्णय है।
दिलीप प्रसाद ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पसंद की कंपनी को ओएमआर स्कैनिंग मशीन का टेंडर दिया। यह टेंडर एसपीएस इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया गया, जबकि मेसर्स मेथोडैक्स सिस्टम्स लिमिटेड ने उच्च गुणवत्ता की ओएमआर स्कैनिंग मशीन के लिए कम कीमत का प्रस्ताव दिया था। इस निर्णय से जेपीएससी को 13.56 लाख रुपये का राजस्व नुकसान हुआ और आरोपित फर्म को गलत लाभ मिला।