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सुखना लेक की स्थिति गंभीर, प्रशासन ने लिया सुधार का निर्णय

चंडीगढ़ की सुखना लेक की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। मानसून में 10 बार फ्लडगेट खोलने पड़े हैं, जिससे प्रशासन ने IOH से मदद लेने का निर्णय लिया है। पिछले 18 वर्षों से झील की सफाई में कमी आई है, जिससे गाद और रेत ने जल धारण क्षमता को प्रभावित किया है। जानें इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन की क्या योजना है।
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सुखना लेक की स्थिति गंभीर, प्रशासन ने लिया सुधार का निर्णय

सुखना लेक का जल स्तर खतरे में

चंडीगढ़, सुखना लेक जल स्तर: चंडीगढ़ की प्रसिद्ध सुखना लेक की स्थिति चिंताजनक है। इस मानसून में झील के फ्लडगेट को 10 बार खोलना पड़ा, क्योंकि गाद और रेत ने इसकी जल धारण क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पहले 16 फीट गहरी यह झील अब केवल 10-11 फीट गहरी रह गई है, जिसका मतलब है कि 5 फीट हिस्सा गाद से भर चुका है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (IOH) से सहायता लेने का निर्णय लिया है, जो झील के विकास और प्रबंधन के लिए योजना तैयार करेगा।


सुखना लेक की सफाई में कमी

सुखना लेक की सफाई रुकी हुई

2008 तक सुखना लेक में सरकारी और सामाजिक स्तर पर सफाई अभियान चलाए जाते थे। कार सेवा भी होती थी। लेकिन पिछले 18 वर्षों से न तो गाद निकाली गई है और न ही कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। हर साल कैचमेंट एरिया के चेकडैम की सफाई होती थी, लेकिन इस बार एक भी चेकडैम की गाद नहीं हटाई गई। नतीजतन, प्री-मानसून बारिश में रेत सीधे झील में पहुंच गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


जल स्तर खतरे के निशान पर

जल स्तर खतरे के निशान पर

इस मानसून में 1000 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिसके कारण अगस्त और सितंबर में फ्लडगेट को 10 बार खोलना पड़ा। पहले 2008, 2018 और 2023 में भारी बारिश के बावजूद गेट केवल 2-4 बार ही खुले थे। अब हर तीसरे दिन जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच रहा है, जो चिंता का विषय है।


IOH से सुधार की उम्मीद

IOH की मदद से सुधार की उम्मीद

प्रशासन ने IOH को सुखना लेक के लिए एक व्यापक योजना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। वैज्ञानिक सुझावों के आधार पर झील की सफाई और प्रबंधन में सुधार करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि इसकी सुंदरता और उपयोगिता बनी रहे।