सुखी चहल की संदिग्ध मौत: खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले कार्यकर्ता का निधन

सुखी चहल की मौत का रहस्य
सुखी चहल की मृत्यु: खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाने वाले अमेरिका के प्रमुख व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता सुखी चहल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिससे प्रवासी भारतीय समुदाय में शोक और अटकलों का माहौल बन गया है।
चहल के करीबी मित्र जसपाल सिंह के अनुसार, उन्हें गुरुवार की शाम एक परिचित के घर रात के खाने के लिए बुलाया गया था। सिंह ने शनिवार को बताया, "भोजन के तुरंत बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। वह पहले पूरी तरह स्वस्थ थे। उनकी अचानक मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।"
मौत के संदर्भ में उठते सवाल
द खालसा टुडे के संस्थापक और सीईओ चहल खालिस्तान समर्थक समूहों के खिलाफ मुखर थे, जिसके कारण उन्हें कई बार धमकियाँ मिलीं। सिंह ने बताया कि चहल की मृत्यु का समय विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि यह 17 अगस्त को वाशिंगटन डीसी में होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह कार्यक्रम से कुछ दिन पहले हुई है, जिसका चहल विरोध कर रहे थे।
कैलिफ़ोर्निया में रहने वाले उनके एक मित्र बूटा सिंह कलेर ने कहा, "वे अपनी वकालत में निरंतर सक्रिय थे और बार-बार मौत की धमकियों के बावजूद कभी पीछे नहीं हटे। उनके निधन ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय को गहरा आघात पहुँचाया है। हमने एक सशक्त आवाज़ खो दी है।"
जाँच प्रक्रिया की शुरुआत
अधिकारियों ने इस घटना की जाँच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है, जिससे मृत्यु के सही कारण का पता चल सके। फिलहाल, चहल की मृत्यु के हालात स्पष्ट नहीं हैं, जिससे अटकलों और चिंताओं को बढ़ावा मिल रहा है।