सुनील गावस्कर ने भारतीय टेस्ट टीम में कप्तान और कोच के संबंधों पर दी अपनी राय
गावस्कर का स्पष्ट बयान
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम के कोच और कप्तान के बीच के संबंधों पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शुभमन गिल को कप्तान माना जाना चाहिए और टीम के चयन और रणनीति में अंतिम निर्णय उन्हीं का होना चाहिए, न कि मुख्य कोच गौतम गंभीर का।गावस्कर की यह टिप्पणी तब आई जब सोशल मीडिया और विशेषज्ञों के बीच इस बात पर बहस चल रही थी कि भारत की नई टेस्ट टीम गिल की है या गंभीर की। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों के संन्यास के बाद, गिल को टेस्ट कप्तानी सौंपी गई, लेकिन कुछ लोगों ने इसे "गंभीर की टीम" कहना शुरू कर दिया, जिससे नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई।
गावस्कर ने कहा, “हमारे समय में कोच नहीं होते थे। केवल मैनेजर होते थे, जो पूर्व खिलाड़ी या अनुभवी लोग होते थे। कप्तान को निर्णय लेने का पूरा अधिकार होना चाहिए।” उन्होंने इरापल्ली प्रसन्ना जैसे अपवादों का उल्लेख किया, लेकिन जोर देकर कहा कि उस समय कप्तान ही अंतिम निर्णयकर्ता होता था।
गावस्कर ने कुलदीप यादव और शार्दुल ठाकुर के चयन को उदाहरण के रूप में लिया और कहा कि कप्तान को अपनी टीम चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलदीप ने शानदार प्रदर्शन किया है, फिर भी वह इंग्लैंड दौरे पर अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेल पाए। शार्दुल को पहले मैच के बाद ड्रॉप कर दिया गया, फिर बाद में वापस लाया गया। यह चयन निर्णयों में असमंजस को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि गिल को कप्तानी की जिम्मेदारी दी गई है, तो चयन में उनकी राय को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अगर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो आलोचना गिल की होगी, न कि गंभीर की।