सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई की
- टीकाकरण के बाद भी कुत्तों को न छोड़े जाने के आदेश
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अवारा कुत्तों को स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, बस स्टैंड, हाईवे और अन्य सार्वजनिक स्थानों से हटाने का आदेश दिया है। यह निर्देश जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने दिया है।
अवारा जानवरों के लिए शेल्टर होम्स
पीठ ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगरपालिकाओं को निर्देश दिया है कि वे अवारा कुत्तों के साथ-साथ अन्य पशुओं को भी सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में स्थान दें। इसके लिए हाईवे निगरानी टीमें बनाई जाएंगी, जो इन जानवरों को सड़कों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएंगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि टीकाकरण के बाद अवारा कुत्तों को उसी क्षेत्र में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान के तहत कर रहा है। 28 जुलाई को दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने से बच्चों में रेबीज फैलने की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू की थी। 3 नवंबर को, कोर्ट ने कहा था कि वह संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों के काटने के खतरे को लेकर अंतरिम निर्देश जारी करेगा।
राज्य सरकारों की अनुपालन में कमी
27 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने पर नाराजगी व्यक्त की थी। केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही अपने हलफनामे प्रस्तुत किए हैं।
