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सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश: 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम सार्वजनिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नामों को सार्वजनिक करे। जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल उठाया कि यदि 22 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है, तो इसका खुलासा बूथ स्तर पर क्यों नहीं किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। जानें इस महत्वपूर्ण मामले की पूरी जानकारी।
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सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश: 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम सार्वजनिक करें

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में महत्वपूर्ण निर्देश

नई दिल्ली - बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि यदि 22 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है, तो इसे बूथ स्तर पर क्यों नहीं दर्शाया गया है? सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि वह राज्य में हटाए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं के नामों को बूथवार तरीके से सार्वजनिक करेगा।


जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि चुनाव आयोग ने बताया है कि हटाए गए 65 लाख नामों में से 22 लाख लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि यदि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है, तो इसका खुलासा बूथ स्तर पर क्यों नहीं किया गया? उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नागरिकों के अधिकारों को राजनीतिक दलों पर निर्भर नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह बिहार की मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए लोगों की सूची, उनके हटाने के कारणों सहित, जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर सार्वजनिक करे।


इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को स्थानीय समाचार पत्रों, दूरदर्शन, रेडियो और आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस जानकारी का व्यापक प्रचार करने का भी आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी बूथ और जिला स्तर के अधिकारियों से अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।