सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया
 
                           
                        सुप्रीम कोर्ट की सख्त कार्रवाई
नई दिल्ली: आवारा कुत्तों से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने स्पष्ट किया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना अनिवार्य है। यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अपील को खारिज करते हुए दिया गया।
मामले की अगली सुनवाई
सॉलिसिटर जनरल ने 3 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की अनुमति मांगी थी, लेकिन पीठ ने इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा कि सभी मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई में सशरीर उपस्थित होना होगा।
हलफनामे की कमी
सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान यह पाया कि आवारा कुत्तों की समस्या पर नोटिस जारी करने के बावजूद अधिकांश राज्यों ने अब तक हलफनामे दायर नहीं किए हैं। इस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की और मुख्य सचिवों को पेश होने का आदेश दिया।
हलफनामे दायर करने वाले राज्य
सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि केवल तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और दिल्ली महानगरपालिका ने ही इस मामले में हलफनामे प्रस्तुत किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को सभी राज्यों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अन्य राज्यों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
