सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दिया बड़ा झटका, हाई कोर्ट का आदेश रोका
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस निर्णय पर रोक लगा दी, जिसमें सेंगर की सजा को निलंबित किया गया था। इस फैसले के बाद सेंगर के जेल से बाहर आने की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में सेंगर की सजा को निलंबित किया था, लेकिन रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दूसरी उम्रकैद की सजा के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ सका।
सीबीआई की अपील
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने यह मानकर गलती की है कि सेंगर उस समय 'लोक सेवक' की श्रेणी में नहीं आता था।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ
मेहता ने कहा, "यह मामला एक नाबालिग के साथ हुए गंभीर अपराध का है। हाई कोर्ट ने IPC की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की गंभीरता को नजरअंदाज किया।" मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस सूर्यकांत और अन्य न्यायाधीशों की बेंच ने की। सीजेआई ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
प्रदर्शन और प्रतिक्रिया
23 दिसंबर को जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की सजा निलंबित की थी, तब से इसका विरोध शुरू हो गया था। रेप पीड़िता और उसके समर्थक सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरने पर बैठे थे।
सेंगर की स्थिति
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि सेंगर पहले ही 7 साल 5 महीने जेल में बिता चुका है, इसलिए उसकी सजा को निलंबित किया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने पूर्व विधायक को राहत नहीं दी है।
