सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगजनों पर चुटकुले बनाने वाले हास्य कलाकारों को दी फटकार

सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 25 अगस्त को दिव्यांगजनों पर असंवेदनशील चुटकुले बनाने वाले हास्य कलाकारों को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने उन्हें निर्देश दिया है कि वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। यह आदेश जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने दिव्यांग अधिकार समूह एसएमए क्योर फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस याचिका में हास्य कलाकारों समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तंवर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने स्टैंड-अप कॉमेडी में दिव्यांगजनों का मजाक उड़ाया। इस पर पीठ ने कहा, "आपको अदालत के सामने जो माफी मांगी है, वही माफी अपने सोशल मीडिया पर भी मांगनी चाहिए।"
Supreme Court tells stand-up comedians Samay Raina, Vipul Goyal, Balraj Paramjeet Singh Ghai, Nishant Jagdsish Tanwar and Sonali Thakkar aka Sonali Aditya Desai to tender an unconditional apology on their YouTube channels, etc., for their alleged insensitive remarks against…
— News Media August 25, 2025
हास्य का सही उपयोग
जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने इस बात पर जोर दिया कि हास्य जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन दूसरों के साथ हंसने और उन पर हंसने के बीच एक स्पष्ट रेखा होनी चाहिए, खासकर जब यह हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लक्षित करता है।
उन्होंने कहा, "हास्य को अच्छी तरह से लिया जाता है, लेकिन जब हम दूसरों पर हंसने लगते हैं और संवेदनशीलता का उल्लंघन करते हैं, तब यह समस्या बन जाती है।" जस्टिस बागची ने यह भी कहा कि आजकल कई प्रभावशाली लोग भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, जिसका उपयोग न केवल मनोरंजन के लिए बल्कि लाभ के लिए भी किया जा रहा है।
व्यवसायीकरण की चेतावनी
जस्टिस बागची ने आगे कहा कि आज के प्रभावशाली लोगों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। समुदाय का उपयोग किसी विशेष वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि व्यावसायिक भाषण भी है।