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सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण कानून पर चार राज्यों से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी कानून के संबंध में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश से जवाब मांगा है। यह आदेश चार हफ्ते में जवाब देने के लिए है, और अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये कानून विभिन्न धर्मों के जोड़ों को परेशान करने का साधन बन गए हैं। जानें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का क्या कहना है और आगे की प्रक्रिया क्या होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण कानून पर चार राज्यों से मांगा जवाब

धर्मांतरण विरोधी कानून पर सुनवाई

Anti Conversion Law : सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी कानून के संबंध में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इन कानूनों पर रोक लगाने की याचिका पर चार हफ्ते में राज्यों से उत्तर देने के लिए कहा है।

सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते के भीतर राज्यों को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद निर्धारित की गई है। कोर्ट ने कहा कि राज्यों के उत्तर प्राप्त होने के बाद ही कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार किया जाएगा।

याचिकाकर्ताओं में जमीयत उलेमा ए हिंद और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस जैसे कई संगठन शामिल हैं।

याचिकाओं में यह तर्क दिया गया है कि ये कानून विभिन्न धर्मों से संबंधित जोड़ों को परेशान करने का एक साधन बन गए हैं। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को धर्मांतरण के आरोप में फंसाया जा सकता है।

राज्यों से जवाब की मांग

लव-जिहाद और अवैध धर्म परिवर्तन के खिलाफ यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में लागू कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।