सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के दोषी सुरेंद्र कोली की सजा रद्द की
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
आज, सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड से संबंधित अंतिम मामले में अपना निर्णय सुनाया। कोर्ट ने सुरेंद्र कोली की सजा को रद्द करते हुए उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कोली द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका को स्वीकार किया, जिसमें पहले के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसकी सजा को बरकरार रखा गया था।
याचिका में प्रस्तुत तर्क
कोली ने याचिका में यह तर्क दिया था कि उसे अन्य मामलों में बरी किया जा चुका है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने आदेश देते हुए कहा कि कोली को सभी आरोपों से मुक्त किया जा रहा है और उसकी रिहाई तुरंत की जाए। आज के निर्णय में, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2011 के अपने पूर्व के फैसले और 28 अक्टूबर 2014 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कोली की पुनर्विचार याचिका खारिज की गई थी।
निठारी हत्याकांड का प्रभाव
यह मामला 2006 में तब सुर्खियों में आया जब नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंधेर के घर के बाहर एक नाले से कई बच्चों और युवतियों के कंकाल मिले। जांच में पता चला कि पंधेर उस घर का मालिक था और सुरेंद्र कोली उसका नौकर था। कोली पर इन हत्याओं, बलात्कार और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप था। उसे कुल 16 मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय
जनवरी 2015 में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोली की दया याचिका पर निर्णय में देरी के कारण उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसके बाद, अक्टूबर 2023 में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोली और सह-आरोपी पंधेर को निठारी के कई अन्य मामलों में बरी कर दिया और 2017 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को पलट दिया। कोर्ट ने कोली को 12 मामलों में और पंधेर को दो मामलों में बरी किया।
