सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 11 जुलाई 2006 को मुंबई में हुए ट्रेन विस्फोटों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि यह निर्णय महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत अन्य मामलों की सुनवाई पर प्रभाव डाल सकता है। इस पर शीर्ष अदालत ने अंतरिम रोक का आदेश जारी किया और स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट का निर्णय अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा।
यह निर्णय उस समय आया जब हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में 5 लोगों को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखने से इनकार किया और सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने अपने 671 पृष्ठों के फैसले में अभियोजन पक्ष की विफलता को उजागर किया।
अदालत ने गवाहों की विश्वसनीयता और पहचान प्रक्रिया में खामियों पर भी सवाल उठाए। बरी किए गए आरोपियों ने कठोर मकोका कानून के तहत लगभग दो दशक जेल में बिताए हैं। इस फैसले पर राजनीतिक और कानूनी हलकों में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आई हैं, जो न्याय प्रणाली और जांच के संचालन पर इसके प्रभावों को लेकर मतभेद दर्शाती हैं।