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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता को बरकरार रखा है, लेकिन कुछ धाराओं पर रोक लगाई है। यह कानून मुस्लिम संपत्तियों के दान और उनके उपयोग से संबंधित है। जानें वक्फ क्या है और इसका धार्मिक कार्यों में कैसे उपयोग किया जाता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

वक्फ संशोधन अधिनियम: सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा लागू वक्फ संशोधन कानून 2025 की वैधता को मान्यता दी है, हालांकि कुछ धाराओं पर रोक लगाते हुए कुछ शर्तों में संशोधन भी किया गया है। यह कानून अप्रैल 2025 में राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने 22 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रखा था, जिसे 15 सितंबर 2025 को सुनाया गया।


वक्फ क्या है और इसका उपयोग कैसे होता है?

जब कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी चल या अचल संपत्ति को अल्लाह के नाम पर दान करता है, तो वह संपत्ति वक्फ बन जाती है। वक्फ घोषित होने के बाद, यह अल्लाह की संपत्ति मानी जाती है, जिसे न तो बेचा जा सकता है, न उपहार में दिया जा सकता है, और न ही विरासत में किसी को हस्तांतरित किया जा सकता है। वक्फ संपत्ति का उपयोग मस्जिदों, स्कूलों, अस्पतालों के निर्माण के लिए या गरीबों, जरूरतमंदों और यात्रियों की सहायता के लिए किया जा सकता है। इससे प्राप्त आय का उपयोग धार्मिक कार्यों में ही किया जा सकता है।