सुप्रीम कोर्ट ने शराब के नशे में दुष्कर्म करने वाले डॉक्टर को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि शराब पीने के बाद इंसान जानवर बन जाता है। यह टिप्पणी एक हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में सजा को निलंबित करने की मांग पर आई।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत ने डॉक्टर को दोषी ठहराया है और उसे कोई राहत नहीं दी जा सकती। पीठ ने कहा, 'देखिए, उसने बच्चे के साथ किस तरह की हरकतें की हैं। आप किसी राहत के हकदार नहीं हैं। बच्चे ने आपके मुवक्किल के खिलाफ बयान दिए हैं। वह एक विकृत व्यक्ति है, उसे किसी निलंबन का हकदार नहीं माना जा सकता। वे नशे में थे।'
पीठ ने आगे कहा, 'आप अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं कर सकते। वह पिता के खिलाफ गवाही क्यों देगी? वह एक छोटी बच्ची है, जिसने जिरह झेली है। शराब पीने के बाद आदमी जानवर बन जाता है। हमें ऐसा नहीं कहना चाहिए, लेकिन हम सबसे उदार पीठ हैं। अगर हम जमानत नहीं दे रहे हैं, तो इसके पीछे कारण हैं।'
गौरतलब है कि 23 मार्च 2018 को डॉक्टर ने अपनी बेटी को हल्द्वानी ले जाकर 30 मार्च को अपनी पत्नी को फोन किया था। डॉक्टर ने शराब के प्रभाव में यौन उत्पीड़न किया। डॉक्टर के वकील ने तर्क दिया कि बेटी की गवाही को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था।
वकील ने यह भी बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 12 लाख से अधिक मामले लंबित हैं और दोषी के खिलाफ अपील पर निकट भविष्य में सुनवाई नहीं होगी। एफआईआर में पीड़िता की मां ने अपने पति पर उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।