सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश पर हमले की घटना, वकील निलंबित

मुख्य न्यायाधीश पर हमले का प्रयास
CJI BR Gavai: 7 अक्टूबर 2025 का दिन भारत की न्यायिक प्रणाली के लिए एक काला दिन बन गया, जब एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। इस घटना की कड़ी निंदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने की है। आरोपी वकील राकेश किशोर को इस कृत्य के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, किशोर ने अपनी इस हरकत पर कोई पछतावा नहीं जताया है।
राकेश किशोर ने बताया कि वह खजुराहो के एक मंदिर में भगवान विष्णु की टूटी हुई मूर्ति की बहाली से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से नाराज थे। एक समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं आहत था...मैं नशे में नहीं था, यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी...मैं डरा हुआ नहीं हूँ। जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा, 'मुझे एक दैवीय शक्ति ने ऐसा करने के लिए कहा था।'
किशोर ने आगे कहा, '16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा - जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो... जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश पारित करता है। याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मज़ाक भी न उड़ाएँ... मुझे चोट लगी थी... मैं डरा हुआ नहीं हूँ।'
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूँ।'
राहुल गांधी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए लिखा, 'भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है। इस तरह की नफ़रत का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।'