सुषमा यादव ने हरियाणा को दिलाया पहला स्वर्ण पदक, उम्र नहीं बनी बाधा
सुषमा यादव की प्रेरणादायक कहानी
रेवाड़ी की सुषमा यादव ने साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है। 60 वर्ष की आयु में, उन्होंने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल की, बल्कि हरियाणा के खेल इतिहास में एक नया अध्याय भी जोड़ा है।
नई दिल्ली के डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 11 से 18 दिसंबर तक आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में, सुषमा यादव ने 10 मीटर सीनियर महिला पिस्टल (सीनियर मास्टर्स वर्ग) में स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा को इस श्रेणी में पहला गोल्ड मेडल दिलाया। उनकी इस उपलब्धि पर रेवाड़ी जिला और पूरा प्रदेश गर्व महसूस कर रहा है।
एक कुशल गृहिणी होने के साथ-साथ, सुषमा ने यह सिद्ध किया है कि दृढ़ संकल्प, नियमित अभ्यास और आत्मविश्वास के साथ किसी भी उम्र में बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। इससे पहले, उन्होंने देहरादून में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था और राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया था। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी उन्होंने इसी वर्ग में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीता था।
सुषमा यादव ने खेल, शिक्षा और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाकर समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियानों के संदर्भ में, उनकी सफलता यह संदेश देती है कि महिलाएं अपने सपनों को साकार करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी, विशेषकर बेटियों, को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकती हैं।
अपनी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का श्रेय सुषमा यादव ने अपने कोच रमन और अपने परिवार के सहयोग को दिया है।
