सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का ड्रोन और युद्धक तैयारियों का निरीक्षण
                           
                        सेना प्रमुख का दौरा और तैयारियों की समीक्षा
नई दिल्ली: थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में सैन्य तैयारियों की गहन समीक्षा की है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने के बाद अब ड्रोन तकनीक और प्रशिक्षण में नवाचारों का निरीक्षण किया है।
जनरल द्विवेदी ने खड़गा कोर का दौरा किया, जहां उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों का मूल्यांकन किया। इस दौरान उन्हें युद्धक क्षमता को मजबूत करने, नवीनतम तकनीकों के समावेश, और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने के बारे में जानकारी दी गई।
आधुनिक युद्ध की तकनीकें तेजी से बदल रही हैं। अब युद्ध केवल पारंपरिक हथियारों तक सीमित नहीं रह गया है; ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उपकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। खड़गा कोर में ड्रोन तकनीक का व्यापक उपयोग किया जा रहा है।
सेनाध्यक्ष ने ड्रोन तैयारियों की जानकारी ली और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोर के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने ड्रोन डिजाइन और प्रशिक्षण में नवाचार, लॉजिस्टिक्स में उन्नत तकनीकी समाधान, और पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रयासों की प्रशंसा की।
जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि खड़गा कोर मिलिटरी-सिविल फ्यूजन को बढ़ावा देकर स्थायी सुरक्षा में योगदान दे रहा है। उन्होंने अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत के दौरान उनकी पेशेवर दक्षता और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की।
यह दौरा न केवल कोर की तैयारियों का मूल्यांकन था, बल्कि यह सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने और भारतीय थलसेना के निरंतर आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। हाल ही में, जनरल द्विवेदी ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन का दौरा किया था, जहां उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की।
सेना प्रमुख ने इस दौरान सेना के आधुनिकीकरण, युद्धक तैयारियों, और तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। बीकानेर में सैनिकों और पूर्व सैन्य दिग्गजों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनके समर्पण और मल्टी-एजेंसी समन्वय की सराहना की।
उन्होंने कहा कि उच्च ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखने के लिए तकनीक का समुचित उपयोग आवश्यक है। जनरल द्विवेदी ने सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग, और समाज के बीच समन्वय के महत्व को रेखांकित किया।
